लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बेरोजगारों के लिए राज्य में मिशन रोजगार चला रही है। इसी के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को बेसिक शिक्षा परिषद के नव नियुक्त खंड शिक्षा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। लखनऊ के लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चार वर्ष के इस कार्यकाल के दौरान प्रदेश में चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने में सफल हुए हैं। उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को पारदर्शी और सुचितापूर्ण तरीके से नियुक्ति पत्र देकर उनकी प्रतिभा और ऊर्जा का लाभ प्रदेश के विकास के लिए ले पाने में सफल हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज से चार वर्ष पहले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की गरिमा दांव पर लगी थी। जाति, क्षेत्र, मत और मजहब देखकर नियुक्तियां दी जाती थी। धनबल और बाहुबल का का भरपूर दुरुपयोग होता था। उन स्थियों में पारदर्शिता और सुचिता कपोल कल्पना मात्र थी। लेकिन, आज सभी चयन आयोगों से पारदर्शी तरीके से अभ्यर्थियों का चयन हो रहा है। सरकार ने आयोगों और बोर्डों को पहले ही कह दिया था कि कहीं भी पक्षपात या भ्रष्टाचार की शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई होगी। इसकी का परिणाम है कि आज कोई भी युवा भ्रष्टाचार की शिकायत नहीं करता है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कभी उत्तर प्रदेश में हर दूसरे-तीसरे दिन बड़ा दंगा होता था, जिसमें काफी संपत्ति की हानि होती थी। इन दंगों के कारण प्रदेश की छवि प्रभावित होती थी। आम आदमी परेशान होते थे। इस दौरान नियंत्रण के लिए पुलिस बल की आवश्यकता थी, लेकिन पुलिस कर्मियों की संख्या कम थी। तीन लाख की बजाए सवा लाख बल ही मौजूद था। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पीएसी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन उसकी 54 कंपनियां समाप्त कर दी गई थी। तब प्रदेश सरकार ने कहा कि पूरी पारदर्शी तरीके से भर्ती की प्रक्रिया होनी है, जिसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी गई। इसी का परिणाम है कि चार वर्षों के दौरान डेढ़ लाख से अधिक पुलिस कर्मियों की भर्ती की गई।
र्तियों के बहाने पूर्व सरकार पर किया कटाक्ष : कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने नव नियुक्त अभ्यर्थियों से पूछा कि भर्ती के दौरान किसी को सिफारिश की आवश्यकता पड़ी? जवाब नहीं में आया तो सीएम योगी ने फिर पूछा कि किसी अधिकारी नेता, मंत्री या उनके घर के लोग आपसे पैसे वसूलने के लिए आए हों? इसका भी जवाब नहीं में आया तो उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से पहले ऐसा होता था। कोई खानदान था जिनमें अलग-अलग भर्ती आवंटित हो जाती थी कि ये भर्ती चाचा देखेंगे, ये भर्ती भाई देखेंगे या भतीजा देखेगा। ये चाचा, काका, मामा ये महाभारत काल में सुने होंगे या फिर वर्ष 2012 से 2017 के बीच में सुने होंगे। ये महाभारत के वही पत्र हैं जिन्होंने फिर से जन्म लिया है। वे लोग जैसे महाभारत करते भारत की प्रगति को बाधित किए थे वैसे ही इन लोगों ने फिर से प्रदेश के विकास को बाधित किया।