मैक्सिको में महिला दिवस पर अपराध से त्रस्त महिलाओं का सब्र टूटा। उन्होंने यौन उत्पीड़न के राष्ट्रपति आवास के पास इतिहास का सबसे बड़ा प्रदर्शन किया। पुलिस से भिड़ गईं। फिर 7 दिन बाद ही ब्रिटेन की राजधानी लंदन में एक महिला की हत्या के खिलाफ महिलाओं ने अपराध के खिलाफ मोर्चा खोला। अब यह विरोध की आग ऑस्ट्रेलिया पहुंच गई है।
सोमवार को महिलाओं से अन्याय, लैंगिक असमानता, कार्यस्थल में उनके साथ द्वेषपूर्ण व्यवहार खत्म करने की मांग को लेकर राजधानी कैनबरा समेत 40 अन्य शहरों में प्रदर्शन हुए। ये प्रदर्शन दुष्कर्म के दो आरोपों के बाद उठे विवाद की पृष्ठभूमि में हुए हैं। प्रदर्शन के लिए मुख्य शहरों में जुटीं हजारों महिलाओं ने मार्च फॉर जस्टिस निकाला। मार्च के आयोजकों का दावा है कि रैलियों में करीब 85,000 महिलाएं शामिल हुईं। सरकार के खिलाफ गुस्सा जताते हुए आयोजकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पीएम स्कॉट मॉरिसन से मिलने का प्रस्ताव तक ठुकरा दिया।
आयोजकों के प्रवक्ता जेनिन हेंड्री ने संसद भवन के बाहर कहा, ‘हम उनके कार्यालय से 200 मीटर दूर हैं। हमारा बंद दरवाजों के पीछे मिलना उचित नहीं है। हम पहले ही आपके दरवाजे पर आ गए हैं, अब सरकार को देखना है कि वह चौखट लांघकर हमारे पास आए। हाल ही में दुष्कर्म के दो मामले सामने आए हैं। एक में अटॉर्नी जनरल क्रिश्चियन पोर्टर पर आरोप लगा है। दूसरा संसद भवन में महिला कर्मचारी से कथित दुष्कर्म का है।
काले कपड़ों में विरोध, पीड़िताओं की सूची बिछाई
मेलबर्न में बीते 4 साल में जुर्म का शिकार हुई महिलाओं का नाम लिखा कपड़ा बिछाकर प्रदर्शन किया गया। राजधानी कैनबरा में संसद भवन के सामने सैकड़ों लोगों ने तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। उन पर लिखा था- ‘महिलाओं को न्याय दो’ और ‘पुरुष अपराध स्वीकारेंं।’ महिलाओं काले कपड़े में विरोध कर रही थीं।