मिस्र की स्वेज नहर में अटका एक विशालकाय कार्गो कंटेनर शिप पांचवें दिन भी नहीं निकल सका। लगभग 280 जहाज इस जलमार्ग से निकलने का इंतजार कर रहे हैं। अगर शिप को जल्द नहीं हटाया गया तो यूरोप में तेल और गैस का संकट खड़ा हो सकता है। इस बीच जहाज को निकालने और वैश्विक शिपिंग के लिए महत्वपूर्ण पूर्व-पश्चिम जलमार्ग को खोलने के लिए नए प्रयास करने की तैयारी की जा रही है।
उधर, अमेरिका की जो बाइडन सरकार ने नहर को फिर से खोलने के लिए मिस्र को मदद की पेशकश की है। उन्होंने कहा है कि हमारे पास इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए ना केवल क्षमता है, बल्कि जरूरी उपकरण भी हैं, जो दूसरे देशों के पास नहीं हैं। एमवी एवर गिवन नाम के इस जहाज पर पनामा का झंडा लगा है। ये जहाज एशिया और यूरोप के बीच व्यापार करता है। शुरुआती जानकारी के अनुसार जहाज ने जब लाल सागर से स्वेज नहर में प्रवेश किया तो उसी दौरान इसे तेज हवा का सामना करना पड़ा और यह पानी में फंस गया।
स्वेज नजर भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है। इस मार्ग के जरिये एशिया से यूरोप जाने वाले जहाजों को अफ्रीका घूमकर नहीं जाना पड़ता है। एवर गिवन का प्रबंधन संभालने वाली बर्नहार्ड शुल्त शिप मैनेजमेंट कंपनी के तकनीकी प्रबंधक ने कहा कि शुक्रवार को जहाज को निकालने का प्रयास किया गया था, लेकिन यह विफल रहा। अभी तक जहाज को निकालने के लिए आठ शक्तिशाली नौकाओं की मदद ली जा रही थी, लेकिन अब इस काम में दो नौकाओं को लगाया जाएगा। इस बीच स्वेज कैनाल अथॉरिटी ने उच्च ज्वार आने के बाद जब पानी का स्तर घटेगा, उसका प्रयोग करके जहाज को निकालने की योजना बनाई है। हालांकि यह प्रयास ज्वार के आने पर निर्भर करेगा।