सिंघु बार्डर पर तरनतारन के दलित समाज के युवक की निर्मम हत्या पर प्रदेश के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ट्रोल हो रहे हैं। लोग उनसे पूछ रहे हैं कि अब उनका दलित प्रेम कहां गया है। मुख्यमंत्री बनने के बाद वह कहते आए हैं कि वह दलित परिवार से हैं और दलित समुदाय का दुख दर्द जानते हैं।
हाल ही में काबुल में गुरुद्वारा साहिब पर हुए हमले पर उनके ट्वीट में लिखा है कि मैं हथियारबंद व्यक्तियों द्वारा काबुल में गुरुद्वारा साहिब पर हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैं PM से आग्रह करता हूं कि वह सिखों और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय विदेश मंत्रालय को तुरंत अफगानिस्तान सरकार के साथ मामला उठाने का निर्देश दें। उनके इस ट्वीट पर यूजर्स कह रहे हैं कि आपको हजारों किलोमीटर दूर बैठे सिखों की याद आ रही है, जबकि आपके प्रदेश के ही युवक की निर्मम हत्या कर दी गई, इस पर एक शब्द नहीं बोला।
एक यूजर ने लिखा है कि सिंघु बॉर्डर पर तरनतारन के दलित युवक लखबीर की तालिबानी स्टाइल में नृशंस हत्या हुई। सोचा आपको सूचित कर दूं। हो सकता है आपकी नॉलेज में न हो।’ दूसरे ने लिखा है कि जब कोई बड़ा हो जाता है। तब समान्य दलित इनको भी नीचे वाले लगने लगते हैं। एक अन्य यूजर ने लिखा है सर, “पहले अपने घर की बात कर लो, फिर दूसरे की ओर झांकना। पहले अपने यहां के लोगों को सजा दो। जिसने उस निर्दोष की बेरहम तरीके से जान ले ली, उनका कुछ करो।”
एक यूजर ने तो यहां तक कह दिया कि क्यों निहंग केवल भारत में ही वीरता दिखाएंगे? आज प्रधानमंत्री याद आ गए, जब BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाया था, तब तो बहुत छाती पीट रहे थे। अच्छा जिस दलित की हाथ काटकर हत्या की गई, उसको कितने रुपए की आर्थिक मदद दी जा रही है, उत्तर प्रदेश में तो बड़े जिल्लेइलाही बन रहे थे।”
निहंग सिंहों ने सिंघु बॉर्डर पर कर दी थी दलित की हत्या
लखवीर सिंह निवासी तरनतारन की दिल्ली हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर निहंगों द्वारा हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि उसने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की है और इसी कारण तड़पा-तड़पाकर उसकी हत्या कर दी गई। यही नहीं उसका शव बैरिकेड से लटका दिया गया था। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था और इसके बाद चार निहंगों ने सरेंडर कर दिया। पुलिस ने एक निहंग को हत्या वाले दिन ही और तीन को शनिवार को गिरफ्तार किया है। वहीं हत्याकांड के बाद पूरे देश से प्रतिक्रिया आई। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से भी इससे पल्ला झाड़ते हुए जांच की मांग की गई है।