प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र के नाम अपना संबोधन दिया। पीएम मोदी ने इस दौरान कोरोना वैक्सीनेशन के आंकड़े 100 करोड़ पार करने पर देशवासियों को बधाई दी और बताया कि भारत ने कैसे महामारी के चुनौतियों को पार किया। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के दूसरे बड़े देशों को वैक्सीन पर रिसर्च करने में, वैक्सीन खोजने में निपुणता थी। भारत, अधिकतर इन देशों की बनाई वैक्सीन पर ही निर्भर रहता था। लेकिन अब भारत आत्मनिर्भर हो गया है। बता दें कि पीएम मोदी कोरोना काल में अब तक नौ बार देश को संबोधित कर चुके हैं।
कोरोना काल में किसानों ने संभाला, आज रिकॉर्ड लेवल पर अनाज खरीद हो रही: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में कृषि क्षेत्र ने हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती से संभाले रखा। आज रिकॉर्ड लेवल पर अनाज की खरीद हो रही है। किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे जा रहे हैं। वैक्सीन के बढ़ते कवरेज के साथ हर क्षेत्र में सकारात्मक गतिविधियां तेज हो रही हैं।
कुछ लोगों ने ताली, थाली बजाने पर सवाल उठाए थे: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि देश के नागरिकों ने ताली, थाली बजाई, दीए जलाए तब कुछ लोगों ने कहा था कि क्या इससे बीमारी भाग जाएगी? लेकिन हम सभी को उसमें देश की एकता दिखी, सामूहिक शक्ति का जागरण दिखा।
कुछ लोगों ने ताली, थाली बजाने पर सवाल उठाए थे: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हमने महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई जन भागीदारी को अपनी पहली ताकत बनाया। देश ने अपनी एकजुटता को ऊर्जा देने के लिए ताली, थाली बजाई, दीए जलाए तब कुछ लोगों ने कहा था कि क्या इससे बीमारी भाग जाएगी? लेकिन हम सभी को उसमें देश की एकता दिखी, सामूहिक शक्ति का जागरण दिखा।
भारत ने अपने 100 करोड़ नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन लगाई
भारत ने अपने नागरिकों को 100 करोड़ वैक्सीन डोज लगाई है और वो भी बिना पैसा लिए। 100 करोड़ वैक्सीन डोज का एक प्रभाव ये भी होगा कि अब दुनिया भारत को कोरोना से ज्यादा सुरक्षित मानेगी।
वैक्सीनेशन अभियान में वीआईपी कल्चर पर लगा ब्रेक
पीएम मोदी ने कहा कि ये सुनिश्चित किया गया कि वैक्सीनेशन अभियान पर वीआईपी कल्चर हावी न हो। हमने सबको साथ लेकर देश ने ‘सबको वैक्सीन-मुफ़्त वैक्सीन’ का अभियान शुरू किया। गरीब-अमीर, गांव-शहर, दूर-सुदूर, देश का एक ही मंत्र रहा कि अगर बीमारी भेदभाव नहीं करती, तो वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं हो सकता।
महामारी आने पर भारत पर उठने लगे थे सवाल
पीएम मोदी ने कहा कि जब 100 साल की सबसे बड़ी महामारी आई, तो भारत पर सवाल उठने लगे। क्या भारत इस वैश्विक महामारी से लड़ पाएगा? भारत दूसरे देशों से इतनी वैक्सीन खरीदने का पैसा कहां से लाएगा? भारत को वैक्सीन कब मिलेगी? भारत के लोगों को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं? क्या भारत इतने लोगों को टीका लगा पाएगा कि महामारी को फैलने से रोक सके? भांति-भांति के सवाल थे, लेकिन आज ये 100 करोड़ वैक्सीन डोज, हर सवाल का जवाब दे रही है।
भारत पहले वैक्सीन के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहता था लेकिन अब नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के दूसरे बड़े देशों को वैक्सीन पर रिसर्च करने में, वैक्सीन खोजने में निपुणता थी। भारत, अधिकतर इन देशों की बनाई वैक्सीन पर ही निर्भर रहता था। लेकिन अब भारत आत्मनिर्भर हो गया है।