करवा चौथ का चांद आज रात को दमकेगा। रविवार को ब्रह्म महूर्त में महिलाएं अखंड सौभाग्य और पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखेंगी। दो साल बाद पूरे उत्साह के साथ मनाए जा रहे इस त्योहार को लेकर आगरा में बाजार भी झूम उठा है। देर रात तक बाजारों में भीड़ रही। महिलाओं ने मेहंदी लगवाई और जरूरी खरीददारी भी की।
शनिवार पूरे दिन ही बाजारों में भीड़ रही। लुहार गली, फुव्वारा, राजामंडी की दुकानों पर लोगों का रेला टूट पड़ा। देर शाम को भीड़ काफी हो गई। देर रात तक यही सिलसिला चलता रहा। करवाचौथ का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने जीवनसाथी के दीर्घायु और सुखी जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
महादेव परिवार का होता है पूजन
करवा चौथ के दिन मां पार्वती, भगवान शिव, कार्तिकेय एवं गणेश सहित शिव परिवार का पूजन किया जाता है। इस दिन करवे में जल भरकर कथा सुनी जाती है। महिलाएं सुबह सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोलती हैं।
रोहिणी नक्षत्र में होंगे चांद के दीदार
रविवार को रोहिणी नक्षत्र और शंख योग बन रहे हैं। चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेगा। ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय ने बताया कि रविवार को सूर्य का प्रभाव विशेष होता है। सूर्य आरोग्यता और दीर्घायु के प्रतीक हैं।
चंद्रोदय- रात 8:30 बजे होगा
पूजा व कथा सुनने का मुहूर्त: शाम 5:35 से 7:14 बजे तक
रोहिणी नक्षत्र संग सूर्य देव की बरसेगी कृपा
14 साल बाद योग, 24 अक्तूबर को सुबह 3:01 बजे से चतुर्थी
चांद निकलेगा : 8:11 बजे
पूजन का शुभ मुहूर्त: शाम 6:55 बजे से रात 8:51 बजे तक
पूजा विधान
कच्ची पीली मिट्टी से भगवान शिव-पार्वती एवं श्री गणेश की मूर्तियां तैयार करके एक पटरी पर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित करें। मां गौरी को नई चुनरी वस्त्र, पुष्पमाला, सुहाग का सामान आदि से सजाएं। भगवान शिव को पीले चंदन, श्री गणेश को चंदन वस्त्र आदि से सुशोभित करें। हाथ में चावल और पुष्प लेकर कथा सुनें। भगवान को पूड़ी, पुआ, हलवा, लड्डू अन्य नैवेद्य का भोग अर्पित करें।