चीन में इंटरनेट के इस्तेमाल पर लगाम लगाने के लिए चीन की साइबर स्पेस अथॉरिटी ने समाचार स्रोतों के तौर पर चिह्नित वेबसाइटों की सूची जारी की है। स्थानीय मीडिया की खबरों के मुताबिक इस सूची में 1,358 वेबसाइट्स हैं।
2016 में भी इस तरह की सूची प्रकाशित की गई थी, उस समय इस सूची में शामिल कुछ वेबसाइटों को खराब प्रदर्शन का हवाला देकर बाहर भी किया गया है। हालांकि, 2016 की तुलना में सूची में शामिल वेबसाइटों की संख्या चार गुना बढ़ी है। इसके अलावा अलग-अलग विषयों की जानकारी देने वाली वेबसाइटों को इसमें शामिल किया गया है। सूची में शामिल ज्यादातर वेबसाइट सरकारी हैं, शेष पर सरकार का वास्तविक नियंत्रण है।
जो सरकार बताए, वही बात खबर मानी जाए
साइबर स्पेस प्रशासन के प्रवक्ता ने बताया कि चीन में कोई भी समाचार सेवा जब कोई खबर प्रकाशित करे तो उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि उसकी सामग्री नए नियमों के मुताबिक सूचना व खबरों के लिए तय स्रोतों से के दायरे में हो, इससे बाहर की सूचनाओं को खबरों के तौर पर प्रकाशित करना दंडनीय होगा।
जो नहीं मानेगा नियम, गायब हो जाएगा
साइबर प्रशासन की तरफ से राष्ट्रीय स्तर पर कंटेट को सेंसर करने की इस तरह से व्यवस्था की जाएगी कि जो नियमों का उल्लंघन करेंगे उनकी इंटरनेट से मौजूदगी को ही खत्म कर दिया जाएगा। असल में इंटरनेट पर लगाम की यह मुहिम खासतौर पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तरफ से देश में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने पर जोर देने के बार शुरू हुई है।
तोड़े जाएंगे जिनपिंग की राह के रोड़े
चीन की बेहद लोकप्रिय निजी समाचार कंपनी कायशिन को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है। दो अक्तूबर को कायशिन के अध्यक्ष व चीन के उपराष्ट्रपति वांग क्विशान के करीबी मित्र हू शुली ने एक गुप्त वीबो पोस्ट किया, जिसमें जिनपिंग पर निशाना साधा गया था, लेकिन थोड़ी देर बाद ही इस पोस्ट को हटा दिया गया था। चीन के राष्ट्रपति इंटरनेट पर अपनी आलोचना को लेकर बेहद सख्त हैं।