मुंबई। बांबे हाईकोर्ट बुधवार को मुंबई क्रूज ड्रग मामले में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की जमानत याचिका पर फिर सुनवाई करेगा। नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने बांबे हाई कोर्ट में दिए गए अपने हलफनामे में आर्यन खान का संबंध अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडीकेट से बताते हुए उनकी जमानत का विरोध किया है। एनसीबी ने तर्क दिया कि आर्यन को जमानत दिया जाना इस मामले की जांच को पटरी से उतार सकता है। दूसरी तरफ, जमानत पर बहस करते हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि आर्यन अभी युवा हैं। उन्हें जेल के बजाय पुनर्वास केंद्र भेजा जाना चाहिए।
आर्यन की जमानत याचिकाएं मजिस्ट्रेट कोर्ट एवं सत्र न्यायालय में खारिज हो चुकी हैं। एनसीबी अब तक आर्यन के मोबाइल चैट के आधार पर ही उनकी जमानत का विरोध करती आ रही है और कह रही है कि वे अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडीकेट से संबंध रखते हैं। उन पर साजिश में शामिल होने की धाराएं भी लगाई गई हैं। एनसीबी ने उच्च न्यायालय में दायर अपने हलफनामे में प्रभाकर सैल के दावे का उदाहरण देते हुए कहा कि जांच को पटरी से उतारने के लिए ये तरीके अपनाए जा रहे हैं। जांच में हस्तक्षेप किया जा रहा है।
एनसीबी का कहना था कि प्रभाकर सैल के हलफनामे जैसा दस्तावेज किसी भी अदालत के समक्ष अब तक प्रस्तुत नहीं किया गया है। ऐसा इस तथ्य के बावजूद किया जा रहा है कि यह मामला उच्च न्यायालय एवं सत्र न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। एनसीबी ने कहा कि आर्यन प्रभावशाली व्यक्ति हैं और जमानत पर रिहा होने पर साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। एनसीबी के अनुसार, आर्यन विदेश में उन लोगों के संपर्क में थे, जो अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडीकेट का हिस्सा थे। अरबाज मचर्ेंट से आर्यन के संबंधों का जिक्र करते हुए एनसीबी ने कहा है कि खान और मचर्ेंट एक-दूसरे के निकट सहयोगी हैं। इसलिए एक आरोपित की भूमिका को दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता।