चीन ने शिनजियांग प्रांत में उइगर आबादी की निगरानी और नियंत्रण के लिए नए आंतरिक और बाहरी तंत्र विकसित किए हैं। इनमें प्रबंधकों को शामिल करने की नई प्रणाली बनाई गई है, जिन पर कम से कम 10 उइगर परिवारों की निगरानी करने की जिम्मेदार होगी। इसी तरह चीन इन दिनों तिब्बत पर भी अपना विशेष ध्यान केंद्रित कर रहा है। शिनजियांग व तिब्बत दोनों ही प्रांतों में मानवाधिकारों के घोर हनन के आरोप हैं।
शिनजियांग प्रांत के लिए त्रिस्तरीय रणनीति लागू, अल्पसंख्यकों की निगरानी करेगा
द संडे मॉर्निंग हेराल्ड में है कि चीन ने शिनजियांग के लिए त्रिस्तरीय रणनीति लागू की है। इसमें सर्वप्रथम प्रबंधकों की तैनाती और उन्हें कम से कम 10 उइगर परिवारों की जिम्मेदारी दी जाएगी।
दूसरी रणनीति में उइगर परिवारों की निगरानी करना और अंत में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का केंद्रीय राजनीतिक व कानूनी मामलों के आयोग (सीपीएलएसी) को देखरेख में लगाना है। यह आयोग शिनजियांग में प्रत्येक समुदाय की निगरानी के लिए करीब 9,000 पुलिस ई-सब-स्टेशन स्थापित करेगा।
एरिक हैगशॉ ने बताया कि तिब्बत और शिनजियांग में नजरबंदियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है क्योंकि चीन का पूरा फोकस इन दोनों प्रांतों पर है। चीन यहां पर अपनी संस्कृति लादना चाहता है, ताकि उइगरों और तिब्बतियों की धार्मिक पहचान खत्म की जा सके।