नई दिल्ली । सोना इस दिवाली अपनी चमक फिर से हासिल करने के लिए तैयार है। सर्राफा कारोबारियों को उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था में उम्मीद से अधिक तेजी से पुनरुद्धार, कीमतों में कमी और दबी मांग की वजह से सोने की बिक्री कोविड-पूर्व के स्तर से 30 प्रतिशत अधिक रहेगी। देशभर में लॉकडाउन और आवाजाही पर प्रतिबंधों सहित कोविड -19 से संबंधित व्यवधानों के बाद रत्न और आभूषण उद्योग का कारोबार, दिवाली और धनतेरस-2020 के दौरान काफी फीका रहा था।
अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद के चेयरमैन आशीष पेठे ने बताया, ‘हम श्राद्ध’ के बाद से कारोबारी गतिविधियों में वृद्धि देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोने की कीमतें घटकर 42,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गई थी, जिससे इस पीली धातु की उपभोक्ता मांग बढ़ी है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान बेहतर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह संकेत देता है कि आर्थिक पुनरुद्धार पटरी पर है। महामारी के कारण जो शादियां स्थगित हो गई थीं वह अब इस साल के अंत में होंगी। इससे रत्नों और आभूषणों की बिक्री बढ़ेगी।
पेठे ने कहा, ‘सकारात्मक उपभोक्ता और बाजार के संकेतों को देखते हुए हम वर्ष 2019 की तुलना में बिक्री में 20-25 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद करते हैं।’ हम देशभर से इस सकारात्मक गति को देख रहे हैं। देश में सोने का भाव शनिवार को 56,000 रुपये के उच्चतम स्तर को छूने के बाद घटकर 49,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गया है।
इस बीच, चिश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) के क्षेत्रीय मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ), ने कहा कि मुख्य रूप से उच्च टीकाकरण दर और संक्रमण घटने के साथ महामारी पर रोकथाम होता दिख रहा है, जिससे आर्थिक गतिविधियों में मंदी का रुख पलट गया है। उन्होंने डब्ल्यूजीसी की तीसरी तिमाही की वैश्विक स्तर पर सोने की मांग के रुख-2021 रिपोर्ट के हवाले से कहा, ”जुलाई-सितंबर तिमाही में जहां सोने के आभूषणों की मांग 58 प्रतिशत बढ़कर 96.2 टन हो गई, वहीं बार और सिक्कों की निवेश मांग में भी 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।”
उन्होंने कहा कि देशभर में प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाए जाने को देखते हुए खुदरा मांग वापस पूर्व-कोविड स्तर पर लौट रही है पीएनजी ज्वेलर्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ने कहा कि नवरात्रि शुरू होने के बाद से बाजार में मजबूत मांग देखी जा रही है।