मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर का नाम लिए बगैर उन पर सीधा हमला बोला। कहा, राजभर की सोच उनके परिवार तक सीमित है। वे खुद मंत्री बनना चाहते हैं, उनका एक बेटा सांसद और दूसरा बेटा एमएलसी बनना चाहता है। ऐसे राजनीतिक ब्लैकमेलरों की दुकान बंद क रनी होगी। वे रविवार को पार्टी की ओर से इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित राजभर समाज के प्रतिनिधि सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने कहा कि मोहम्मद गौरी और आक्रांता गाजी के अनुयायी वोट बैंक के भय से हिंदू रक्षक महाराजा सुहेलदेव के नाम से डरते हैं।
ओमप्रकाश को डर है कि सुहेलदेव का स्मारक बनने के बाद लोग गाजी को भूल जाएंगे और जनता राजनीतिक ब्लैकमेलरों को कूड़े में फेंक देगी। इसी डर से वे बहराइच में बनने वाले राष्ट्र रक्षक सुहेलदेव के स्मारक का अप्रत्यक्ष रूप से विरोध कर रहे थे, जबकि प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर चाहते थे कि सुहेलदेव का स्मारक बने। इसीलिए बहराइच में महाराजा सुहेलदेव का भव्य स्मारक बन रहा है। भाजपा सरकार ने बहराइच मेडिकल कॉलेज का नाम भी सुहेलदेव के नाम पर किया है। विपक्षी दलों से पूछा जाना चाहिए कि इन दलों ने महाराजा सुहेलदेव के लिए क्या किया।
उन्होंने कहा कि देश पर सर्वाधिक समय तक शासन करने वाली कांग्रेस ने सैकड़ों स्मारकों का नामकरण नेहरू खानदान के नाम पर किया। सपा-बसपा को भी यूपी में शासन करने का मौका मिला लेकिन एक भी स्मारक का नामकरण सुहेलदेव के नाम पर नहीं किया। वहीं, विश्वेश्वरैया सभागार में साहू समाज के प्रतिनिधि सम्मेलन को भी सीएम ने संबोधित किया। साहू समाज के सम्मेलन को केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली, पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री व सांसद संगम लाला गुप्ता और पूर्व सांसद राम नारायण साहू ने संबोधित किया। वहीं राजभर समाज के सम्मेलन को मंत्री आशुतोष टंडन व अनिल राजभर समेत कई अन्य ने भी संबोधित किया।