पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आखिरकार कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया। उन्होंने मंगलवार को अपना इस्तीफा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्रधान सोनिया गांधी को भेज दिया। इसके साथ ही कैप्टन ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ के गठन का भी एलान कर दिया।
सोनिया गांधी को भेजे आठ पेज के इस्तीफे में कैप्टन ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि मेरे लगातार चेताने और पंजाब के सभी सांसदों की सर्वसम्मति के बावजूद आपने पाकिस्तान प्रेमी एक अनुचर (नवजोत सिंह सिद्धू) को नियुक्त करने का फैसला किया, जिसने सार्वजनिक तौर पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल बाजवा और इमरान खान को गले लगाया था।
कैप्टन ने ट्वीट किया कि ‘मैंने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी को भेज दिया है, जिसमें इस्तीफा देने के कारण भी बताए हैं। ‘पंजाब लोक कांग्रेस नई पार्टी का नाम है, जिसका रजिस्ट्रेशन मुख्य चुनाव आयोग के पास लंबित है और पार्टी चिह्न को भी अभी मान्यता मिलनी है। इस ट्वीट के साथ कैप्टन ने सोनिया गांधी को भेजा इस्तीफा पत्र भी अटैच किया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के साथ अपने लंबे कार्यकाल का जिक्र किया और आरोप लगाया है कि उन्हें अब पार्टी में मान-सम्मान नहीं दिया जा रहा था।
पत्र में कैप्टन ने गिनाईं अपनी उपलब्धियां
सोनिया को भेजे पत्र में उन्होंने 1980 में पहली बार पटियाला लोकसभा सीट से कांग्रेस का सांसद चुने जाने से लेकर अब तक के सफर और इस दौरान अपनी उपलब्धियों का विस्तार से उल्लेख किया है। पत्र में उन्होंने सिद्धू के साथ अपने विवाद को भी विस्तार से लिखा है। कैप्टन ने लिखा कि 2017 विधानसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी का नेतृत्व किया और कांग्रेस को 117 में से 77 सीटें मिलीं, जो 1966 से अब तक की सबसे ज्यादा हैं। इसके बाद भाजपा की लहर के बीच 13वें लोकसभा चुनाव में पंजाब में मेरे नेतृत्व में कांग्रेस ने 8 सीटें जीतीं। हमने पंचायत चुनाव में दो-तिहाई सीटें हासिल कीं। इसके साथ ही विधानसभा उपचुनाव के दौरान 5 में से 4 में जीत दर्ज की। उन्होंने पत्र में अपने बीते साढ़े चार साल के कामकाज का भी उल्लेख किया और कोरोना महामारी के दौरान पंजाब को अच्छे तरीके से बचाने का हवाला भी दिया।
आप और आपके बच्चों ने बहुत दुख पहुंचाया
इस्तीफे में कैप्टन ने हर तरह की वजह गिनाईं और कांग्रेस में अपनी स्थिति को लेकर उस दुख का इजहार भी कर दिया, जिसे वह अब तक कह नहीं सके थे। पत्र में राहुल गांधी का उल्लेख करते हुए लिखा कि ‘आपने और आपके बच्चों ने मुझे बहुत दुख पहुंचाया है। मैं आज तक उन्हें अपने बच्चों जितना ही प्यार करता रहा हूं, क्योंकि मैं उनके पिता (राजीव गांधी) को 1954 से स्कूल के समय से जानता था।
बीते कुछ महीनों के दौरान मुझे कई तरह से बहुत दुख पहुंचाया गया। फिर भी मुझे उम्मीद है कि आगे कोई अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ऐसा अपमान नहीं झेलेंगे, जैसा मैंने झेला।’ सोनिया गांधी द्वारा इस्तीफा मांगने का जिक्र करते हुए कैप्टन ने लिखा कि ‘आपको शायद यह लगा कि मैं विधायकों को किसी रिसॉर्ट में ले जाऊंगा। मेरे 52 साल के सार्वजनिक जीवन में मुझे जानने के बावजूद आपने कभी मुझे या मेरे चरित्र को नहीं समझा। आपने सोचा कि मैं वर्षों से पार्टी में चल रहा हूं तो अब मुझे दरकिनार कर देना चाहिए।’
नई पार्टी के नाम पर चुनाव आयोग को आपत्ति नहीं: कैप्टन
कैप्टन ने बयान जारी कर कहा कि चूंकि उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि अपनी पार्टी बनाएंगे, इसलिए उनके वकीलों की टीम इस प्रक्रिया पर काम कर रही है और उन्होंने चुनाव आयोग में पंजीकरण के लिए आवेदन किया है। चुनाव आयोग को पार्टी के प्रस्तावित नाम पंजाब लोक कांग्रेस पर कोई आपत्ति नहीं है।
चुनाव आयोग ने तीन चुनाव चिह्न दिए हैं, जिनमें से एक का चयन किया जाना है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने तीन अलग-अलग चिह्न भी जमा कराए हैं और अंतिम चुनाव चिह्न छह चिन्हों के सेट से चुना जाएगा। तीन चुनाव आयोग द्वारा सुझाए गए और तीन पार्टी द्वारा प्रस्तावित किए गए। पार्टी की औपचारिक शुरुआत बाद में की जाएगी। कैप्टन ने कहा कि पार्टी की शुरुआत के समय नीतियों, कार्यक्रमों, एजेंडे और विजन के बारे में बताया जाएगा।
सिद्धू से विवाद के बीच कैप्टन ने छोड़ा था सीएम पद
कई साल से सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच अनबन थी। लेकिन पिछले कुछ महीनों में यह चरम पर पहुंच गई। चंडीगढ़ में अचानक कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई लेकिन इसकी जानकारी कैप्टन अमरिंदर सिंह को नहीं दी गई थी। सोनिया गांधी से फोन पर बातचीत के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया था। कैप्टन के इस्तीफे के पीछे हरीश रावत की भूमिका बेहद अहम थी।
भाजपा के साथ होगा सशर्त गठबंधन
कैप्टन अमरिंदर सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कुछ दिन पहले ही मुलाकात होनी थी लेकिन किसी कारणवश मुलाकात टल गई। मुलाकात के दौरान किसान आंदोलन व कृषि कानूनों पर चर्चा होनी थी। कैप्टन अमरिंदर ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि किसानों की समस्या हल करने के बाद ही भाजपा के साथ गठबंधन पर चर्चा होगी। मतलब भाजपा को अगर पंजाब में अमरिंदर सिंह का साथ चाहिए तो पहले किसानों के मुद्दों को हल करना होगा।