काबुल। अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद से ही तालिबाल लगातार महिलाओं पर पाबंदियां बढ़ा रहा है। तालिबान ने अब महिलाओं को सहायता कार्यकर्ता के तौर पर काम करने से रोक दिया है। ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि एसा करने से बेहद जरूरी जीवनरक्षक सहायता अफगान नागरिको तक नहीं पहुंच सकेगी।
न्यूज ने ह्यूमन राइट्स वाच में सहयोगी महिला अधिकार निदेशक, हीथर बर्र के हवाले से कहा कि महिला सहायता कर्मियों पर तालिबान के गंभीर प्रतिबंध ने अफगानों, विशेष रूप से महिलाओं, लड़कियों के लिए आवश्यक जीवनरक्षक सहायता को रोक दिया है। महिला सहायता कर्मियों को बिना किसी बंधन के अपना काम करने की अनुमति देना चाहिए।
एचआरडब्ल्यू का हवाला देते हुए बताया कि 34 प्रांतों में से केवल तीन ने आधिकारिक तौर पर महिला श्रमिकों को काम करने की अनुमति दी है। टोलोन्यूज ने रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि ह्यूमन राइट्स वाच द्वारा समीक्षा किए गए दस्तावेजों से संकेत मिलता है कि 28 अक्टूबर, 2021 तक केवल तीन प्रांतों में तालिबान अधिकारियों ने एक लिखित समझौते के तहत महिला सहायता कर्मियों को अपना काम करने की अनुमति दी थी।
बता दें कि आधे से अधिक देश में महिला सहायता कार्यकर्ताओं को गंभीर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें घर से निकते समय एक पुरुष सदस्य को साथ में होना आवश्यक है। इससे उनके लिए अपना काम प्रभावी ढंग से करना असंभव हो जाता है। समाचार चैनल ने महिला अधिकार रक्षक जरक्का यफ्ताली के हवाले से कहा कि इस्लामिक अमीरात (तालिबान) को अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के साथ मान्यता प्राप्त करने के लिए सहयोग करना चाहिए।