महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में शनिवार को पुलिस की स्पेशल सी60 यूनिट ने 26 नक्सलियों को मार गिराया था। अब इस घटना पर पुलिस का बयान आया है। गढ़चिरौली के एसपी अंकित गोयल का कहना है कि पुलिस ने नक्सलियों को सरेंडर करने का मौका दिया था। लेकिन इसके बावजूद 100 से ज्यादा माओवादियों ने कमांडो और जवानों पर गोलियों की बौछार कर दी। अधिकारी ने कहा कि नक्सलियों के पास हमले के लिए काफी आधुनिक हथियार थे और उन्होंने पुलिस की सरेंडर की अपील को भी अनसुना कर दिया।
एनकाउंटर की जानकारी देते हुए गढ़चिरौली एसपी ने आगे बताया, “पुलिस को ऑपरेशन से दो दिन पहले ही कोरची तहसील के ग्यारहपट्टी इलाके में नक्सली कैंप की सूचना मिली थी। इसके बाद करीब 300 पुलिसकर्मियों की टीम, जिसमें सी60 कमांडो शामिल रहे, वे एडिशनल एसपी सौम्या मुंडे के साथ नक्सलों को पकड़ने के अभियान में जुट गए।”
एसपी गोयल ने कहा, “पुलिस का ऑपरेशन गुरुवार रात से ही जंगलों में शुरू हो गया था। इस दौरान अधिकारियों ने नक्सलियों से लगातार सरेंडर की अपील की। लेकिन शनिवार को सुबह करीब छह बजे 100 से ज्यादा नक्सलियों ने अपील को नजरअंदाज करते हुए सी60 कमांडो और स्पेशल एक्शन टीम (सैट) पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। इसके बाद पुलिस ने एक्शन लिया।”
गौरतलब है कि पुलिस के अभियान में 50 लाख का इनामी नक्सली मिलिंद तेलतुंबडे भी मारा गया था। इसे सफलता पर गढ़चिरौली रेंज के डीआईजी संदीप पाटिल ने कहा कि तेलतुंबडे महाराष्ट्र में पिछले 20 सालों से नक्सली गतिविधियों को बढ़ा रहा था। एक तरह से ही वह इन गतिविधियों का भविष्य था, लेकिन अब नक्सलियों के पास महाराष्ट्र में कोई नेतृत्व नहीं है।