वाशिंगटन। अमेरिका में 12 महीने के दौरान तय मात्रा से अधिक दवा (ओवरडोज) के इस्तेमाल के कारण रिकार्ड एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) का कहना है कि इसमें कोरोना महामारी का भी बड़ा असर रहा। इसके कारण चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित हुई और लोगों को मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। सीडीसी की तरफ से बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक दवाओं के ओवरडोज के कारण अप्रैल 2020 से अप्रैल 2021 के बीच एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।
पिछले 12 महीनों के मुकाबले यह 28.5 फीसद ज्यादा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसे त्रासदी करार दिया है। बाइडन प्रशासन का कहना है कि वह राज्यों को ऐसा कानून बनाने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे लोगों को नैलोक्जोन नामक दवा सरलता से उपलब्ध हो जाए। नैलोक्जोन, दवा के ओवरडोज के प्रभाव को कम कर देती है। नेशनल ड्रग कंट्रोल पालिसी कार्यालय के निदेशक डा. राहुल गुप्ता ने कहा, ‘दवा की तय मात्रा से अधिक सेवन के कारण किसी भी मौत नहीं होनी चाहिए। नैलोक्जोन एक ऐसी दवा है जो ड्रग ओवरडोज की स्थिति में प्रभावी तौर पर काम करती है।’
यूरोपीय यूनियन के औषधि प्राधिकार ने कहा है कि वह कोविड-19 के इलाज के लिए एक ऐसी दवा का मूल्यांकन कर रहा है, जिसके इस्तेमाल से बीमारी के गंभीर लक्षण होने के बावजूद मरीज को अतिरिक्त आक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ेगी। अमेरिकी कंपनी वीर बायोटेक्नोलाजी व ब्रिटेन की ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन की जेवुडी नामक दवा कथित मोनोक्लोनल एंटीबाडी उपचार है और संक्रमण से लड़ने में मदद करती है।
जर्मनी : बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर रोग नियंत्रण एजेंसी की तरफ से जारी चेतावनी से जागे देश के सांसदों ने गुरुवार को नए नियंत्रण उपायों पर मुहर लगा दी। हालांकि, इस विधेयक को अभी उच्च सदन में पारित होना बाकी है। विधेयक के तहत सार्वजनिक स्थानों पर काम करने वाले लोगों के लिए अब टीकाकरण अनिवार्य हो जाएगा।
स्लोवाकिया : गैर टीकाकृत लोगों के लिए सख्त लाकडाउन लागू कर दिया गया है। ऐसे लोग रेस्तरां, शापिंग माल, खेल गतिविधियों और सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।