सैन फ्रांसिस्को। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) के जरिये अब 2डी इमेज को 3डी में बदली जा सकेंगी। वैज्ञानिकों ने शरीर के भीतर की गतिविधियों और रोगों की सटीक पहचान के लिए इस तकनीक को महत्वपूर्ण बताया है। लॉस एंजिलिस स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं की टीम ने डीप लर्निग तकनीक का उपयोग करते हुए एक ऐसी तकनीक तैयार की है, जो प्रतिदीप्ति (फ्लोरेंस) माइक्रोस्कोपी की क्षमताओं को और विस्तार दे सकती है। इसके जरिये वैज्ञानिकों उन कोशिकाओं को ठीक करने में मदद मिलेगी जो विशेष प्रकाश डाले जाने पर चमकती हैं। दरअसल, शरीर के भीतर कोशिकाओं में होने वाले बदलावों के कारण गंभीर बीमारियां पनपने का खतरा रहता है क्योंकि कई बार रासायनिक प्रक्रियाओं के चलते कोशिकाएं अव्यवस्थित तरीके से बढ़ने लगती हैं। इनके इलाज के लिए माइक्रोस्कोपी की जरूरत पड़ती है। इस प्रक्रिया में शरीर के भीतर माइक्रोस्कोप डालकर रोग की पहचान की जाती है। इसमें लगे कैमरे के जरिये डॉक्टर अंदर की सारी गतिविधियों का आकलन करते हैं और बीमारी की परख करने के बाद उसका इलाज करते हैं। लेकिन कई बार कोशिकाओं में होने वाली अनियंत्रित वृद्धि और बदलाव माइक्रोस्कोप में लगे 2 डी कैमरे पकड़ में नहीं आते क्योंकि ये कैमरे अपने सामने की सतह की इमेज का ही परीक्षण कर पाते हैं।