नई दिल्ली। यूक्रेन के पड़ोसी मुल्कों से 2,200 से अधिक भारतीयों को लेकर 11 उड़ानें रविवार को स्वदेश लौटेंगी। रविवार को आने वाली उड़ानों में से एक विशेष उड़ान यूक्रेन में फंसे 154 भारतीय नागरिकों को स्लोवाकिया के कोसिसे से लेकर रविवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंची। वहीं एक अन्य विशेष विमान हंगरी के बुडापेस्ट से 183 भारतीय नगारिकों को लेकर सुबह करीब 6.30 बजे दिल्ली पहुंचा।
यूक्रेन के विभिन्न शहरों में फंसे भारतीयों को पड़ोसी देशों रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया और पोलैंड के जरिये निकाला जा रहा है। मंत्रालय ने कहा कि शनिवार को हंगरी के बुडापेस्ट से पांच, रोमानिया के सुसेआवा से चार, स्लोवाकिया के कोसिके से एक और पोलैंड के रजेजॉ से दो विमानों ने उड़ान भरी। रूस के साथ जारी युद्ध के चलते यूक्रेन का हवाई क्षेत्र 24 फरवरी से ही बंद है
वायुसेना ने पहुंचाई 26 टन राहत सामग्री
- ऑपरेशन गंगा के तहत वायुसेना के सी-17 सैन्य परिवहन विमानों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है जबकि एअर इंडिया, इंडिगो, विस्तारा और स्पाइसजेट भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
- ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक वायुसेना की 10 विशेष उड़ानों के जरिये 2,056 भारतीयों को लाया जा चुका है। यूक्रेन के पड़ोसी देशों को 26 टन राहत सामग्री भी पहुंचाई गई है।
भारत से सात दिन बाद चीन का नागरिकों को बचाने का मिशन
चीन ने अपने नागरिकों को युद्धग्रस्त यूक्रेन से निकालने के लिए पहला चार्टर विमान शुक्रवार को रवाना किया, जो शनिवार सुबह लौटा। 24 फरवरी से शुरू हुए युद्ध के हालात में 3000 चीनी नागरिक फंसे हैं, उन्हें निकालने के लिए चीन ने भारत से सात दिन बाद प्रयास शुरू किए हैं। भारत ने 26 फरवरी से अपने करीब 16 हजार नागरिकों को निकालने का मिशन शुरू किया था। चीन ने अभी मिशन की विस्तृत जानकारी नहीं दी है, लेकिन अनुमान हैं कि पहली उड़ान में 301 यात्री क्षमता वाला एयरबस ए330-300 विमान उपयोग हुआ। यात्रियों की संख्या का खुलासा नहीं किया गया। आरोप है कि चीन सरकार ने इन यात्रियों से 18 हजार युआन यानी 2.18 लाख रुपये वसूले हैं।
चीन ने अपने नागरिकों को युद्धग्रस्त यूक्रेन से निकालने के लिए पहला चार्टर विमान शुक्रवार को रवाना किया, जो शनिवार सुबह लौटा। 24 फरवरी से शुरू हुए युद्ध के हालात में 3000 चीनी नागरिक फंसे हैं, उन्हें निकालने के लिए चीन ने भारत से सात दिन बाद प्रयास शुरू किए हैं। भारत ने 26 फरवरी से अपने करीब 16 हजार नागरिकों को निकालने का मिशन शुरू किया था। चीन ने अभी मिशन की विस्तृत जानकारी नहीं दी है, लेकिन अनुमान हैं कि पहली उड़ान में 301 यात्री क्षमता वाला एयरबस ए330-300 विमान उपयोग हुआ। यात्रियों की संख्या का खुलासा नहीं किया गया। आरोप है कि चीन सरकार ने इन यात्रियों से 18 हजार युआन यानी 2.18 लाख रुपये वसूले हैं।