अगर। आगरा में कोरोना वायरस की चौथी लहर शुरू हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने 10 लाख लोगों से संक्रमण के फैलाव का खतरा बताया है। ये ऐसे लोग हैं जिन्होंने वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगवाई है। इन्हें लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इनके टीका नहीं लगवाने पर स्वास्थ्य विभाग ने चिंता जताते हुए लोगों से भीड़ में जाने से बचने, मास्क लगाने व उचित दूरी बनाए रखने की अपील की है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में 18 साल से अधिक उम्र के 35 लाख लोग टीके की पहली डोज ले चुके हैं। दूसरी डोज 25 लाख लोगों ने लगवाई है। 10 लाख लोग ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक दूसरी डोज नहीं लगवाई है। उन्होंने कहा कि चौथी लहर में ऐसे लोग खुद संक्रमित हो सकते हैं और बाहर घूमने पर दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं।
सीएमओ ने कहा कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं ली, उनके परिजन उन्हें जबरन टीका लगवाएं। जिले में जनवरी 2020 में टीकाकरण शुरू हुआ था। 16 महीने बाद भी 10 लाख की आबादी दूसरी खुराक से वंचित है। उन्होंने कहा कि बूस्टर डोज भी शुरू हो गई है। जिले में 300 स्थानों पर टीकाकरण किया जा रहा है। कोरोना से बचाव के लिए टीका ही दवाई है। टीका लगवाने वाले व्यक्ति पर संक्रमण घातक प्रभाव नहीं करता।
एक तरफ संक्रमण बढ़ रहा है, दूसरी तरफ लापरवाही बढ़ गई है। प्रतिबंध खत्म होने के बाद लोगों ने मास्क लगाना बंद कर दिया है। इससे संक्रमण के फैलाव का खतरा अधिक है। सार्वजनिक स्थल, बाजारों में सैनिटाइजेशन नहीं होने से वायरस की आशंका है। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह का कहना है कि कोविड प्रोटोकॉल में लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध जुर्माना व महामारी एक्ट में कार्रवाई की जाएगी।
दो शिक्षक, एक मेडिकल छात्रा, व्यापारी और नौ साल की बच्ची समेत आठ नए संक्रमित सोमवार को मिले हैं। अब जिले में कोरोना सक्रिय मरीज 36 हो गए हैं। नए मरीजों में दो ऐसे हैं जो ट्रेस नहीं हो पाए। रैपिड रिस्पांस टीम को वे घर पर नहीं मिले। उनकी तलाश की जा रही है। रविवार को मिले 15 संक्रमितों के संपर्क में आए 52 लोगों के नमूने लिए गए हैं। जिला प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को पिछले 24 घंटे में 1985 लोगों की जांच की गई। इनमें आठ नए मरीज मिले हैं। कुल सक्रिय मरीज 36 हो गए हैं। छह मरीज ठीक भी हुए हैं। अब कुल मरीजों की संख्या 36,218 हो गई है। इनमें 465 मरीज दम तोड़ चुके हैं। 35,717 मरीज ठीक हो चुके हैं।