लखनऊ। यूपी में ईद पर सीएम योगी की अपील का असर नजर आया है। पहली बार ईद की नमाज ईदगाहों और मस्जिदों के अंदर ही हुई है। दो साल बाद ईद पर मस्जिदें और ईदगाह गुलजार नजर आए और लोगों के चेहरे त्योहार की खुशियों से चमकते दिखाई दिये। बच्चों की खुशियां देखते ही बन रही थीं। राजधानी लखनऊ में टीले वाली मस्जिद और ईदगाह समेत दो दर्जन से ज्यादा इबादत स्थलों पर ईद की नमाज अदा की गयी। ईदगाह में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पहुंचे और लोगों से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। यहां पर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने नमाज अदा कराई।
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी लोगों को ईद की बधाई दी। श्री यादव ने मौलाना फज़लुल मन्नान और डॉक्टर कल्बे सब्तिैन नूरी से मिलकर उन्हे ईद की मुबारकबाद दी इसके अलावा वह सज्जाद बाग स्थित मोहम्मद एबाद के घर पहुंचे और उन्हे ईद की मुबारकबाद दी।
यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि राज्य में लगभग 32,000 जगह नमाज़ अदा हुईं। कहीं भी अप्रिय घटना नहीं हुई। सब लोगों ने खुशी के साथ त्योहार मनाया। आज परशुराम जयंती और अक्षय तृतीया भी है और इसके लिए भी ड्यूटी लगीं है।
आगरा में ताजमहल की शाही मस्जिद में बड़ी संख्या में लोगों ने ईद की नमाज अदा की। इस मौके पर ताज परिसर में दो घंटे के लिये प्रवेश निशुल्क था। करीब दो साल बाद यहां पहली बार ईद की नमाज के लिये इतनी बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुये थे। इस अदुभुद पल को कैमरे में कैद करने वालों में विदेशी सैलानियों की संख्या अधिक रही।
इसके अलावा अलीगढ, वाराणसी, प्रयागराज, बुलंदशहर, मेरठ, सहारनपुर और बरेली समेत ज्यादातर इलाके ईद के मुबारक मौके पर गुलजार रहे। तयशुदा स्थानो पर ही ईद की नमाज अदा की गयी। सूत्रों के अनुसार प्रदेश में 7436 ईदगाहों और 19949 मस्जिदों समेत 31 हजार 151 स्थानो पर ईद की नमाज अदा की गयी। इस दौरान अतिसंवेदनशील 2846 नमाज स्थलों पर सुरक्षा के अतिरक्ति इंतजाम किये गये थे। ईद को निर्विध्न संपन्न कराने के लिये 46 कंपनी पीएसी और सात कंपनी सीएपीएफ के अलावा स्थानीय पुलिस के जवान मुस्तैद रहे।
वाराणसी में मंगलवार को चारों तरफ ईद का उल्लास दिखा। दो साल बाद मस्जिद और ईदगाह में सामूहिक रूप से ईद की नमाज अदा की गई। नमाज के बाद देश की अमन और शांति के लिए दुआ मांगी गई। सुबह से ही बाजारों में चहल पहल के साथ ही ईद की खुशियां नजर आईं और नमाज पढ़ने के बाद एक दूसरे के गले लगकर बधाई दी गई। जिले में कहीं भी सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी गई।