मुरैना। आमतौर पर नौकरी के लिए फर्जी अंकसूची तैयार कराने व उपयोग करने के मामले सामने आते रहे हैं। पहली बार किसी राजनीतिक संगठन में पद पाने के लिए लोगों द्वारा फर्जी अंकसूची बनवाए जाने की खबर आ रही है, ताकि उम्मीदवार चुनाव के समय अपनी उम्र को कम साबित कर सकें। मामला भाजपा के संगठनात्क चुनाव से जुड़ा है। भाजपा के चुनाव प्रभारी एवं पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार का कहना है कि ये सही है कि लोग फर्जी मार्कशीट उन कक्षाओं की बनवा रहे हैं, जो स्थानीय स्तर पर स्कूलों में होती हैं, लेकिन वे चुनाव के दौरान केवल बोर्ड परीक्षा की मार्कशीट को ही तवज्जो देंगे। उसी में दर्ज उम्र के आधार पर ही उम्मीदवारों को मंडल अध्यक्ष बनने के लिए पात्र मानेंगे।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के संगठनात्मक चुनाव 15 व 16 नंवबर को होने वाले हैं। संगठन ने इस बार तय किया है कि मंडल अध्यक्ष 35 साल तक के कार्यकर्ता ही बन सकते हैं। विशेष परिस्थितियों में यह उम्र 40 साल हो सकती है। ऐसे में मंडल की राजनीति करने वाले अधिकतर नेता व कार्यकर्ता अध्यक्ष बनने की दौड़ से बाहर हो रहे हैं। ऐसे में कार्यकर्ता व नेता प्रयास कर रहे हैं कि किसी न किसी तरह उन्हें मंडल अध्यक्ष बनने का मौका मिल जाए।
शैक्षणिक दस्तावेजों में उम्र के प्रमाण के लिए बोर्ड की 10वीं कक्षा की मार्कशीट को आधार माना जाता है, लेकिन 10वीं की फर्जी मार्कशीट कार्यकर्ता व नेता आसानी से बनवा नहीं सकते। दूसरे इस तरह की मार्कशीट फर्जी है या असली, इसका पता बोर्ड से आसानी से लग जाता है। इसलिए नेता व कार्यकर्ता संगठन के सामने अपनी एजुकेशन को न केवल कम बता रहे हैं, बल्कि पांचवीं व 8वीं कक्षा की मार्कशीट बनवा रहे हैं। क्योंकि दोनों की कक्षाओं की परीक्षा स्कूल संचालक स्थानीय स्तर पर कराते हैं और उनका रिकॉर्ड उनके स्कूल में रहता है। ऐसे में कार्यकर्ता साठगांठ कर उस रिकॉर्ड को भी बदलवा सकते हैं।