नई दिल्ली। दो साल कोविड-19 के साये में बीतने के बाद तीसरे साल अक्षय तृतीया के मौके पर देशभर के सराफा बाजार गुलजार रहे। मंगलवार को करीब 13,000 करोड़ रुपये का सोना बिका। चांदी की करीब 2,000 करोड़ रुपये की बिक्री हुई।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री ने बताया कि 2019 में अक्षय तृतीया पर करीब 10,000 करोड़ रुपये का सोना बिका था। 2020 और 2021 में महामारी की वजह से दुकानें नहीं खुल सकी थीं। 2020 में करीब 500 करोड़ का कारोबार हुआ था। वहीं, इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने बताया कि इस बार देशभर में 22 टन सोना बिका, जो महामारी पूर्व स्तर के 18 टन से 22.2 फीसदी ज्यादा है। हालांकि, इस बार बिक्री 25 टन रहने का अनुमान था।
1000 करोड़ की बिक्री
दी बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन योगेश सिंघल ने बताया कि दिल्ली में इस बार अक्षय तृतीया के मौके पर बाजार में ज्यादा चहल-पहल नहीं रही। इसकी प्रमुख वजह महंगाई के कारण लोगों की खरीद क्षमता प्रभावित होना है। इस बार 2019 के मुकाबले सोने की बिक्री कम रही। कुल करीब 1,000 रुपये का कारोबार हुआ।
दाम घटने से सुधरा माहौल
अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद के उपाध्यक्ष श्याम मेहरा ने कहा, सोने की कीमतें 55,000-58,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से घटकर 50,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई हैं। इससे उपभोक्ताओं की धारणा पर सकारात्मक असर पड़ा।
इन वजहों से भी बढ़ी बिक्री
मेहता का कहना है कि महंगाई का सोने की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं होता है। जब भी महंगाई बढ़ती है, शेयर बाजारों में गिरावट आती है और सोने में तेजी आती है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व बुधवार को होने वाली बैठक में ब्याज दरें बढ़ा सकता है। इससे सोने को समर्थन मिलेगा।
आने वाले 12 महीनों में पीली धातु 55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है। तेजी को देखते हुए भी खरीदारी बढ़ी।
पिछले 10 दिनों में सोने की कीमतों में करीब 4,000 रुपये की गिरावट आई है।
हॉलमार्क की वजह से लोगों में सोने की शुद्धता को लेकर भरोसा बढ़ा है।