हैदराबाद। हैदराबाद की सरूरनगर पुलिस ने गुरुवार को बिलिपुरम नागराजू की हत्या के आरोपी अश्रीन सुल्ताना उर्फ पल्लवी के दो रिश्तेदारों को गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान अश्रीन सुल्ताना के भाई सैयद मोबिन अहमद और मोहम्मद मसूद अहमद के रूप में हुई है।
शादी से नाखुश भाइयों ने की आनर किलिंग
सरूरनगर पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक दोनों आरोपियों को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत के लिए कोर्ट में पेश किया गया। बताया जा रहा है कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, एससी / एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस मामले में सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में आवेदन करने की बात कह रही है। ताकि मामले में आरोपियों के जल्द सजा मिल सके।
गौरतलब है कि तेलंगाना में मुस्लिम युवती से शादी करने वाले 25 वर्षीय हिंदू दलित युवक की सरेआम निर्दयता से उसके मुस्लिम साले (सैयद मोबिन अहमद ) ने हत्या कर दी। उसे जमीन पर घसीटकर राड से पीटा गया। चाकू से उस पर कई वार किए गए। युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। बताया जाता है कि युवती का भाई अपनी बहन की हिंदू युवक से शादी के सख्त खिलाफ था।
पुलिस ने गुरवार को बताया कि यह वारदात शहर के एलबी नगर क्षेत्र में बुधवार रात हुई। दलित युवक बिल्लापुरम नागराजू अपनी पत्नी अशरीन सुल्ताना के साथ बाइक से कहीं जा रहा था, तभी स्कूटर पर दो आरोपित (सैयद मोबिन अहमद और मोहम्मद मसूद अहमद ) वहां पहुंचे और उन्हें रोका। इसके बाद दलित हिंदू युवक पर सरेआम निर्दयता से हमले किए गए। उसे सड़क पर घसीटा गया। राड से पीटा गया। इतने पर भी आरोपित नहीं माने। चाकू से भी उसे कई बार गोदा गया। प्रारंभिक जांच के आधार पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि महिला का भाई नहीं चाहता था कि उसकी बहन दूसरे धर्म के युवक से विवाह करे, इसलिए उसने युवक को मार डालने का फैसला लिया। मृतक की पत्नी ने कहा, ‘पांच हमलावरों ने मेरे पति पर सड़क पर हमला किया। युवक के पिता ने भी कहा कि उनकी बहू का भाई विवाह के खिलाफ था।
दंपती की कालेज में पढ़ाई के दौरान दोस्ती हुई थी। दोनों ने युवती के परिवार की आपत्ति के बावजूद इस वर्ष जनवरी में शादी की। शादी के बाद सुल्ताना ने अपना नाम बदलकर पल्लवी कर लिया। अनुसार मृतक की बहन रमादेवी ने कहा, ‘शादी के बाद से मेरे भाई को युवती के परिवार के लोग जान से मारने की धमकियां दे रहे थे। इस बारे में मोमिनपेट पुलिस थाने में शिकायत दी गई थी, लेकिन पुलिस ने ध्यान नहीं दिया।