काबुल। तालिबान जबसे अफगानिस्तान पर कब्जा किया है उसका असली चेहरा सबके सामने आ चूका है। महिलाओं के हित, शिक्षा और नौकरी की आजादी की बात करने वाला तालिबान, अब अफगानिस्तान में महिलाओं का जीना दूसबार कर रखा है। अपने नए-नए प्रतिबंधों में तालिबान सरकार महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां पहले भी लगा चूका है। अब एक नये फरमान के साथ ये तालिबान सरकार तैयार है, जिसमें कहा गया है कि महिलाएं सार्वजनिक स्थानों पर सिर्फ बुर्का में ही नजर आएंगी। अगर वो घर से बाहर निकलें तो बुर्का जरूर पहनें
तालिबान अधिकारियों द्वारा काबुल में एक समारोह में हिबतुल्ला अखुंदजादा द्वारा जारी एक फरमान में कहा गया है कि, ‘महिलाओं को एक चदोरी (सिर से पैर तक बुर्का) पहनना चाहिए क्योंकि यह पारंपरिक और सम्मानजनक है।’
कट्टर इस्लामवादियों द्वारा सत्ता हथियाने के बाद से यह महिलाओं के जीवन पर लगाए गए सबसे कठोर नियंत्रणों में से एक है।
इस महीने की शुरुआत में, अफगानिस्तान के सबसे प्रगतिशील शहर हेरात में अधिकारियों ने ड्राइविंग प्रशिक्षकों से कहा कि वे महिलाओं को लाइसेंस जारी करना बंद करें।
ड्राइविंग स्कूलों की देखरेख करने वाले हेरात के ट्रैफिक मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के प्रमुख जन आगा अचकजई ने कहा, ‘हमें मौखिक रूप से महिला ड्राइवरों को लाइसेंस जारी करने से रोकने का निर्देश दिया गया है।’
हालांकि, अफगानिस्तान पर दोबारा कब्जे के बाद तालिबान ने पूरी दुनिया को भरोसा दिया था कि वह अब बदल गया है। महिलाओं को उनके अधिकार दिए जाएंगे।