लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश जैसे देश के सबसे बड़े राज्य के विकास के लिए बड़े विजन की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश की जनता ने जिस विश्वास के साथ 37 वर्ष बाद किसी सरकार को लगातार दो बार चुना है, उसे पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रही है। निवेश, शहरीकरण और रोजगार सृजन सरकार की कार्ययोजना की प्राथमिकता में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप उत्तर प्रदेश देश की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में तैयार हो सके, इसके लिए प्रदेश में बड़े और ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। आज पूरी दुनिया के निवेशक उत्तर प्रदेश में निवेश को उत्सुक है। आज हर तबके को बिना भेदभाव मिल रहे शासन की योजनाओं के लाभ का ही परिणाम है कि हर व्यक्ति सरकार के प्रयासों को सफल करने में अपना योगदान करने को तत्पर है।
मंगलवार को विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा में प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री ने आने वाले समय के लिए अपनी प्राथमिकताएं भी बताईं। विकास के लिए शहरीकरण को महत्वपूर्ण आयाम बताते हुए कहा कि इसीलिए अनुपूरक बजट में नए शहरों के विकास के लिए 4,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है। वहीं यूपी को $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में एक अहम कदम के रूप में 10-12 फरवरी 2023 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होने जा रहा है। यही नहीं, आजादी के अमृत काल में प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के महत्वपूर्ण देशों के समूह जी-20 की अध्यक्षता कर रहे हैं तो उत्तर प्रदेश में भी इस बाबत अनेक कार्यक्रम होने हैं। अनुपूरक बजट के माध्यम से इनके लिए वित्तीय व्यवस्था की गई है।
कोरोना प्रबंधन में सभी ने यूपी मॉडल को सराहा है, नजीर माना है। जहां निवेशक आने से घबराते थे आज सर्वश्रेष्ठ निवेश गंतव्य हो गया है। और अब यह प्रदेश ईज़ ऑफ लिविंग में नम्बर एक बनने की ओर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई दिल्ली में निर्भया प्रकरण के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद उत्तर प्रदेश में किसी शहर को ‘सेफ सिटी’ बनाने का काम नहीं हुआ। वर्तमान सरकार गौतमबुद्ध नगर सहित 18 शहरों को सेफ सिटी बनाने पर काम कर रही है।
सीएम योगी ने कहा, एक समय यूपी में चीनी मिल बंद हो रही थीं, वहीं यूपी की चीनी आज एक्पोर्ट हो रही है। साढ़े 5 वर्ष में गन्ना किसानों को 1.81 लाख करोड़ का भुगतान हुआ। इन सबने यूपी के विकास को गति दी है, लोगों में एक विश्वास भरा है। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले गंदगी और अव्यवस्था यूपी के शहरों की पहचान थी, आज केंद्र सरकार 10 शहरों को स्मार्ट बना रही है तो प्रदेश सरकार ने 07 शहरों को स्मार्ट बनाने का काम कर रही है।