अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता ने कहा कि जिले में भविष्य में पराली जलाने की एक भी घटना न हो, इसके लिए संबंधित अधिकारी गंभीरता व सजगता से ड्यूटी करें। पराली जलाने वालों के खिलाफ तुरंत एफआइआर दर्ज करवाएं और जुर्माना भी लगाए। गुप्ता मंगलवार को लघु सचिवालय में जिला में पराली जलाने की घटनाओं व पराली प्रबंधन के कार्यों की समीक्षा को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने से बढ़ रहा प्रदूषण बेहद चिता का विषय है और प्रदूषित हवा मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ पशुओं के लिए भी घातक है। पराली प्रबंधन के लिए किसानों को साधन मुहैया करवाना भी प्रशासन की जिम्मेवारी है। स्ट्रा बेलर खरीदने के लिए पंचायतों को पीआरआइ के माध्यम से लोन भी उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को पराली के इस्तेमाल के और अधिक विकल्प तलाशने के संबंध में भी विशेष दिशा-निर्देश दिए। सरकार द्वारा लघु व सीमांत किसानों को गैर-बासमती धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल बोनस तथा उपकरणों के माध्यम से पराली प्रबंधन करने पर 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। सभी जिलों में स्ट्रा बेलर भिजवाए गए हैं जिनकी मदद से किसान अपने खेत में पराली प्रबंधन कर सकते हैं।
उपायुक्त अशोक कुमार ने बताया कि जिला में 5 नवंबर तक एक लाख एक हजार मीट्रिक टन गैर बासमती धान की खरीद की जा चुकी है। जिले में पराली आगजनी की घटनाएं न हो इसके लिए अधिकारियों, कर्मचारियों, सरपंच व नंबरदार के माध्यम से कड़ी नजर रखी जा रही है। किसानों को समझाने व जागरूक करने के बावजूद जो किसान पराली में आग लगा रहे हैं उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की जा रही है और उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है। मंगाला अभी तक एक भी केस नहीं
गांव मंगाला में पिछली बार 128 घटनाएं हुई थी लेकिन इस बार अब तक 40 फीसद फसल कटाई के बावजूद एक भी फसल अवशेष जलाने की घटना नहीं हुई, जो बहुत ही सराहनीय है। इसके लिए उन्होंने ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों व ग्रामीणों को बधाई दी। इस अवसर पर एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, एसडीएम ऐलनाबाद संयम गर्ग, एसडीएम डबवाली डा. विनेश कुमार व उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल मौजूद रहे।