रांची। प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा की सीट सहित भाजपा की चार सीटों (जिनपर भाजपा ने प्रत्याशी दिया है) पर अपना भी प्रत्याशी देने के बाद आजसू ने भाजपा को एक और झटका दिया है। आजसू ने मंगलवार को भाजपा के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर को ही अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। आजसू के हुए राधाकृष्ण किशोर छतरपुर से चुनाव लड़ेंगे। भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था।
भाजपा के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर को आजसू की सदस्यता दिलाने के बाद पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि उनके पार्टी में आने से पार्टी के वैचारिक धार को और मजबूती मिलेगी। एनडीए के गठबंधन के सवाल पर कहा कि उन्होंने भाजपा को 19 सीटों पर पार्टी के चुनाव लडऩे की मजबूत तैयारी से अवगत कराने के साथ ही फैसला उनपर छोड़ दिया था।
जहां तक भाजपा द्वारा घोषित सीटों पर आजसू के प्रत्याशी देने की बात है तो पार्टी ने उन्हीं सीटों पर प्रत्याशी घोषित की है, जिसपर पार्टी चुनाव लडऩे के लिए काफी मजबूत है। उन्होंने यह भी कहा कि आजसू गठबंधन का पक्षधर है। अब जवाब उनकी (भाजपा) की ओर से आना है। वह इसपर निर्णय ले। यह भी कहा कि उनकी ओर से जवाब आने पर वे भी जवाब देने में कोई देर नहीं करेंगे।
सुदेश ने सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बनने के लिए भाजपा को ही जिम्मेदार ठहराया। कहा, भाजपा ने आजसू की सीटों पर बाहर से प्रत्याशी लाने का काम किया। उनका इशारा लोहरदगा, मांडू और चंदनकियारी सीटों की ओर था। यह आरोप भी लगाया कि बाहर से प्रत्याशी लाने से पहले उनसे पूछा भी नहीं गया।
अच्छी फसल देखकर अपनी निगाहें न लगाए सहयोगी दल : सुदेश
सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बनने के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहरानेवाले सुदेश महतो ने यह भी कहा कि बड़े भाई (भाजपा) का यह फर्ज होता है कि छोटे भाई (आजसू) की अच्छी फसल देखकर उसपर निगाहें न लगाए। कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को कई सीटें और अपने नेता खोना पड़ा था। पार्टी इस बार ऐसा होने नहीं देगी। सीटों की दावेदारी पर कहा कि भाजपा को लगता है कि उनके प्रत्याशी मजबूत हैं तो मूल्यांकन करा ले। मूल्यांकन करनेवालों में आजसू के भी प्रतिनिधि हों।
राधाकृष्ण किशोर ने भाजपा से पूछा, क्यों नहीं मिला उन्हें टिकट
सत्तारूढ़ दल में मुख्य सचेतक जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए भी टिकट नहीं मिलने से नाराज विधायक राधाकृष्ण किशोर ने भाजपा से सवाल किया है कि आखिर उन्हें क्यों नहीं टिकट दिया गया। आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो से मुलाकात के बाद आजसू में शामिल होने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि जिस दल में निष्ठा, समर्पण और कर्म की कद्र न हो, वहां से निकलना ही बेहतर है।