अलीगढ़। मासूम के साथ दुष्कर्म के दोषी को एडीजे पॉक्सो सुरेंद्र मोहन सहाय की अदालत ने बीस साल की सजा सुनाई है। साथ ही पचास हजार का जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला बीएनएस के तहत दर्ज मुकदमे में कोर्ट ट्रायल शुरू होने के महज तीस दिनों में आया है।
सासनीगेट थाना क्षेत्र के एक इलाके में रहने वाली पांच साल की बच्ची के दादा ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा था कि तीन जुलाई की शाम चार बजे उनकी पांच वर्षीय पोती अपने भाई के साथ क्षेत्र के ही मंदिर में गई थी। मंदिर के पास ही मध्यप्रदेश के रायसेन के मैन रोड हनुमान मंदिर देहरी कड़का निवासी जमनादास उर्फ जालम सिंह मिला। वह बच्ची को लालच देकर अपने कमरे में ले गया। वहां उसके साथ दुष्कर्म किया।
भाई ने घर आकर परिवार वालों को घटना बताई, जिसके बाद लोगों ने आरोपी को पकड़कर पीट डाला और पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। विवेचना सीओ प्रथम अभय कुमार पांडेय ने की और सात दिन में चार्जशीट लगा दी। कुल नौ गवाह परीक्षित कराए गए। 25 सितंबर को आरोप तय किए गए थे। इसके बाद 27 सितंबर को वादी व पीड़िता की गवाही हुई, 30 सितंबर को बच्ची के पिता की गवाही, तीन अक्तूबर को बच्ची की मां व चाचा की गवाही हुई। नौ अक्तूबर को सीओ अभय कुमार पांडेय व एसआई संदीप कुमार की गवाही हुई।
इसी क्रम में 14 अक्तूबर को एफआईआर लेखक शिल्पी पाल व डॉ आकांक्षा यादव की गवाही, 15 अक्तूबर को मुल्जिम के बयान, 17 अक्तूबर को सफाई साक्ष्य, 19 अक्तूबर को बहस पूरी हुई। इसके बाद साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर शुक्रवार को अदालत ने पुजारी को दोषी मानते हुए 20 साल की सजा सुनाई है।