ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में भीषण आग जारी रहने से भारी तबाही की आशंका व्यक्त की गई है। संयुक्त राष्ट्र के मौसम विज्ञान विशेषज्ञों ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार की चेतावनी को दोहराते हुए लोगों को सचेत किया है कि तेजी से फैलते खतरे और विस्फोटक स्थिति में हर हाल में सतर्कता बरती जानी चाहिए।
जिनीवा में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने बताया कि पूर्वी न्यू साउथ वेल्स और दक्षिणपूर्वी क्वीन्सलैंड में अनेक स्थानों पर आग धदक रही है। मीडिया में रिपोर्टें के मुताबिक सप्ताहांत में आग का शिकार बनने से तीन लोगों की मौत हो गई।
यूएन एजेंसी की प्रवक्ता क्लेयर नलिस ने बताया, शारीरिक हानि के तत्काल खतरे के अलावा जब प्रशासन की ओर से आग फैलने के विनाशकारी विपत्ति का अलर्ट जारी किया जाता है, तो संदेश स्पष्ट होता है – बाहर निकलो, दूर भागो।
बारिश का पूर्वानुमान नहीं
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के मौसम विज्ञान ब्यूरो का संदर्भ देते हुए कहा कि स्थिति लगातार बदल रही है और घातक बनी हुई है। उनके मुताबिक मौसम अभी शुष्क बना रहेगा और बारिश की कोई उम्मीद नहीं जताई गई है।
आग फैलने के अनेक कारण हैं जिनमें भूमि में नमी की कमी, गर्मी और हवा की दिशा व गति जैसे कारक शामिल हैं।
न्यू साउथ वेल्स राज्य के कई हिस्सों में आपात स्थिति की घोषणा कर दी गई है जिनमें ग्रेटर सिडनी और क्वीन्सलैंड भी शामिल हैं। बुरी तरह प्रभावित इलाकों में विनाशकारी आग का खतरा बताते हुए उच्चतम स्तर की चेतावनी जारी की गई है।
ऑस्ट्रेलिया में झाड़ियों और सूखी घास में आग की घटनाएं होती रही हैं लेकिन आपात स्थिति के पीछे वजह पिछली एक सदी में तापमान में बढ़ोत्तरी को माना जा रहा है।
ऑस्ट्रेलिया में गर्माता मौसम
यूएन एजेंसी की प्रवक्ता ने कहा, ऑस्ट्रेलिया के मौसम विज्ञान ब्यूरो के अनुसार वर्ष 2019 में जनवरी से अक्तूबर की अवधि अब तक का दूसरा सबसे ज्यादा गर्म मौसम माना गया है और यह पिछले 110 वर्षों का आकलन करने के बाद कहा गया है।
उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि आग लगने वाले मौसम की श्रेणी में आने वाले दिनों की संख्या बढ़ रही है। यूएन एजेंसी के अनुसार इस जोखिम को झेल रहे समुदायों को 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की हवाओं का सामना करना पड़ता है और तापमान 35 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा रहता है।
अपेक्षाकृत ठंडे मौसम का पूर्वानुमान आग लगने के खतरों को कम कर सकता है लेकिन शुष्क हवा के तेज झोंकों और हवा की दिशा बदलने का मतलब है कि प्रभावित इलाकों में रह रहे लोगों को सतर्क रहना होगा।
वर्ष 1967 से 2013 तक, ऑस्ट्रेलिया में झाड़ियों से आग लगने और उसके फैलने से 433 मौतें हुई हैं और आठ हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
सरकारी आंकड़े दर्शाते हैं कि गर्म हवाओं को छोड़कर देश में प्राकृतिक आपदाओं से अब तक जितने भी लोगों की मौत हुई है उनमें करीब आधे मामलों में आग ही जिम्मेदार हैं.
इसी अवधि में जंगलों में आग से लगभग तीन अरब 20 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ है