लखनऊ। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल की जाएगी। आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आज लखनऊ के मुमताज कालेज में 3 घंटे तक चली बैठक में यह निर्णय लिया गया। बोर्ड की बैठक के बाद एडवोकेट जफरयाब जिलानी व अन्य ने पत्रकार वार्ता में कहा कि ये हमारा कानूनी अधिकार है, हमें मालूम है कि रिव्यू का फैसला क्या होगा ?
उन्होने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में कहा है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई है, एएसआई की रिपोर्ट में भी मंदिर बनाने का जिक्र नहीं है। उन्होने कहा कि शरीयत के हिसाब से मस्जिद की जमीन न ट्रान्सफर की जा सकती है न ही किसी को दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने भी ये माना है कि वहां नमाज पढ़ी जाती थी, गुबंद के नीचे जन्म स्थान का प्रमाण नहीं मिला। मूर्तियां गैर कानूनी ढंग से रखीं गईं थीं।
जफरयाब जिलानी ने लखनऊ जिला प्रशासन की कड़ी निन्दा करते हुए कहा कि हम पर मीटिंग न करने के लिए दबाव डाला गया। उन्होने कहा कि बैठक में सभी को बुलाया गया था रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का फैसला बहुमत से लिया गया है।