वाशिंगटन। अमेरिका में साल 2018-19 में भारत से दो लाख से ज्यादा छात्र पढ़ने के लिए गए। इससे पहले वाले साल की तुलना में यह संख्या 2.9 फीसद ज्यादा और अमेरिका में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की 18 फीसद है। अमेरिका में विदेशी छात्रों के मामले में भारत का स्थान चीन के बाद दूसरा है। चीनी छात्रों की संख्या साढ़े तीन लाख से ज्यादा है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है।
2019 ओपेन डोर रिपोर्ट ऑन इंटरनेशनल एजुकेशन एक्सचेंज’ नामक रिपोर्ट के मुताबिक उपरोक्त शैक्षणिक सत्र में अमेरिका में विदेशी छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा रही। यह लगातार चौथा साल रहा जब वहां 10 लाख से ज्यादा विदेशी छात्र शिक्षा हासिल करने पहुंचे।
विदेशी छात्रों से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को उस साल 44.7 अरब डॉलर (लगभग तीन लाख करोड़ रुपये) को लाभ पहुंचा। पिछले साल की तुलना में यह रकम 5.5 फीसद ज्यादा थी।
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में चीनी छात्रों की संख्या 3,69,548 है। जबकि, भारत के छात्रों की संख्या 2,02,000 है। अमेरिका में कुल 10,95,299 विदेशी छात्र पढ़ते हैं। इसमें अकेले भारत और चीन के छात्रों की संख्या पचास फीसद से ज्यादा बैठती है।
शिक्षा और सांस्कृतिक मामलों की सहायक विदेश मंत्री मैरी रॉयसी ने कहा कि अमेरिका में विदेशी छात्रों और विदेश में अमेरिकी छात्रों की बढ़ती संख्या से हम खुश हैं।
विदेशी छात्रों के माले में चीन और भारत को छोड़कर शीर्ष पांच देशों में दक्षिण कोरिया (52.25 हजार), सऊदी अरब (37 हजार) और कनाडा (26 हजार) शामिल हैं। जबकि, इस दौरान बांग्लादेशी छात्रों की संख्या में 10 फीसद से ज्यादा, ब्राजील के छात्रों में 9.8 फीसद से ज्यादा, नाईजीरिया के 5.8 फीसद और पाकिस्तानी छात्रों की संख्या में 5.6 फीसद से ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई।
रिपोर्ट के मुताबिक 2017-18 में 3.41 लाख से ज्यादा अमेरिकी छात्र विदेश में पढ़ने गए। इनमें से यूरोप के देशों में शिक्षा ग्रहण करने जाने वाले छात्रों की संख्या 54.9 फीसद रही।