नई दिल्ली। फीस वृद्धि के विरोध में सोमवार को जेएनयू के छात्र-छात्राओं द्वारा दिल्ली की सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन के मामले में दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को FIR दर्ज की है। किशनगढ़ थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
- जेएनयू छात्र-छात्राओं ने अन्य विश्वविद्यालयों के लोगों से भी साथ आने की अपील की है। साथ ही कहा कि 18 नवंबर देश के इतिहास के लिए काला दिन है।
- सोमवार को हज़ारों छात्र संसद भवन की तरफ जाने की कोशिश में थे, लेकिन दिल्ली पुलिस के 1200 से ज़्यादा जवानों ने उन्हें रोक दिया।
- जेएनयू के बाहर बैरिकेडिंग की गई थी, लेकिन छात्रों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और पुलिस छात्रों के बीच घमासान हुआ।
- दिल्ली पुलिस-छात्रों में भिड़ंत के दौरान कई छात्रों और पुलिस वालों को चोट आई और फिर अलग अलग रास्तो से छात्र संसद जाने के लिए ज़ोर बाग तक पहुंच गए।
- मार्च के दौरान पुलिस ने उन्हें रोक दिया तो रात को छात्रों का एक दल एच आर डी मिनिस्ट्री में जाकर जॉइंट सेक्रेटरी से मिला लेकिन उनके आश्वासन से सहमत नहीं हुआ।
- छात्र-छात्राएं तत्काल 1700 रुपये मेंटेंनेंस चार्च खत्म करने की मांग कर रहे हैं, उनका कहना है कि पहले यह शून्य था और अब सीधे तकरीबन 2000 रुपये कर दिया गया है, जो छात्रों के साथ गलत हो रहा है।
- छात्रों की आपत्ति इस बात से भी है कि जेएनयू कैंपस की लाइब्रेरी को 24 घंटे नहीं खोला जा रहा है, जबकि अन्य विश्वविद्यालयों में 24 घंटे खुली रहती है।
- पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप, किसी का हाथ टूटा तो किसी का सिर फूटा
- जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन (Jawaharlal Nehru University administration) द्वारा बढ़ाई गई हॉस्टल फीस समेत कई मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान सोमवार को कई छात्र-छात्राएं घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि संसद मार्च के दौरान सफजरजंग मकबरे के पास दिल्ली पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें कई छात्र-छात्राएं घायल हुए हैं। इन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।