ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आतंकवाद रोधी विशेष न्यायाधिकरण ने बुधवार को इस्लामिक आतंकवादी समूह के सात सदस्यों को मौत की सजा सुनाई है। अदालत ने एक आरोपी को बेकसूर करार देते उसे बरी कर दिया है। बुधवार को दोषी ठहराए गए सात लोग इस हमले की योजना के दोषी हैं। वे समूह, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश से संबंधित हैं, जो मुख्य रूप से मुस्लिम देश में शरिया शासन स्थापित करना चाहते हैं।
बता दें कि 2016 में ढाका के एक कैफे में हमले की साजिश में दोषी पाया गया है। इस आतंकवादी हमले में 22 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में ज्यादातर विदेशी नागरिक थे। मृतकों में इटली के नौ नागरिक, सात जापानी, एक अमेरिकी और एक भारतीय थे। बाद में सेना की कमांडो कार्रवाई में हमलावरों को भी मौत के घाट उतार दिया था।
एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि ढाका की एक अदालत ने कड़ी सुरक्षा के बीच सातों आरोपी को मौत के सजा सुनाई है। इस आतंकी हमले में आठ आरोपी को नामित किया गया था। लंबी बहस के बाद अदालत ने एक अरोपी को बरी कर दिया। अधिकारी ने बताया कि न्यायाधीश मुजीबुर रहमान ने 113 गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद 27 नवंबर को फैसले की तारीख तय की थी। पिछले साल नवंबर में अदालत ने आठ आरोपियों को दोषी ठहराया था। जांचकर्ताओं ने बताया कि एक जुलाई, 2016 को हुए हमले में प्रत्यक्ष तौर पर शामिल छह आतंकवादियों को सेना के कमांडो ने अगले दिन ढेर कर दिया था। आठ आरोपियों को बाद में गिरफ्तार किया गया था।
बता दें इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह के आतंकियों ने ढाका में साल 2016 एक जुलाई को एक भीषण आतंकी हमले को अंजाम दिया था। इनमें से एक आतंकी संगठन का आईटी विशेषज्ञ था। आरएबी के एक बयान में कहा गया कि चारों आतंकी जेएमबी के सरवर तामिन समूह के सदस्य थे और उनमें से एक अशफाक-ए-आजम वेबसाइटों को देखता था और संगठन को तकनीकी मदद देता था।