लखनऊ। अयोध्या में जमीन को लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड के सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने से इनकार करने के बाद पांच एकड़ जमीन पर असमंजस की स्थिति है। इसको देखते हुए शिया वक्फ बोर्ड ने दावेदारी की तैयारी करनी शुरू कर दी है।
शिया वक्फ बोर्ड की बुधवार को हुई बैठक में तय किया गया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड यदि किन्ही कारणों से पांच एकड़ जमीन लेने से मना करता है तो वह इसके लिए दावेदारी करेगा। बोर्ड वहां पर एक अस्पताल बनाने का प्रस्ताव ला सकता है। शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में कुल सात सदस्यों में से पांच शामिल हुए।
सभी सदस्यों को बताया गया कि 1946 में शिया वक्फ बोर्ड जो मुकदमा हारा था, उसकी अपील सुप्रीम कोर्ट में 71 साल बाद की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने यह अपील देरी से दाखिल करने के कारण खारिज कर दी थी। बैठक में यह भी तय हुआ कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बोर्ड पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगा।
बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने बताया कि सभी का मानना है कि जो फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया वह अंतिम है। राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का अंत राष्ट्रहित में है। इस कारण किसी भी तरह की पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का कोई मतलब नहीं है। हम मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के फैसले से सहमत नहीं है। पांच एकड़ जमीन का फैसला भी सर्वसम्मति से लिया गया है। बैठक में वसीम रिजवी के अलावा मौलाना आजिम हुसैन, वली हैदर, अशफाक हुसैन उर्फ जिया व सुश्री अफशा जैदी शामिल हुईं।