आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम दिल्ली की एक अदालत के समक्ष पेश हुए। वहीं चिदंबरम के साथ काम कर चुके विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के छह आरोपी अधिकारियों को कोर्ट ने आज अग्रिम जमानत दे दी। अग्रिम जमानत मामले में कोर्ट ने सीबीआई को भी नोटिस जारी किया है। इस मामले की सुनवाई अब 17 दिसंबर को होगी।
बता दें कि जांच एजेंसी की चार्जशीट के आधार पर कोर्ट ने पिछले दिनों चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति, आईएनएक्स मीडिया, पीटर मुखर्जी और ब्यूरोक्रेट्स समेत 14 आरोपियों को समन भेजा था।
सूत्रों के अनुसार, विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के जिन छह अधिकारियों को कोर्ट में पेश होने के लिए समन भेजा गया था उसमें अजीत कुमार दुंगदुंग, रवींद्र प्रसाद, प्रदीप कुमार बग्गा, प्रबोध सक्सेना, अनूप के. पुजारी, सिंधुश्री खुल्लर के नाम शामिल थे। सभी चिदंबरम के कार्यकाल में वित्त मंत्रालय में कार्यरत थे।
नीति आयोग की पूर्व सीईओ सहित कई अन्य ने दायर की थी जमानत याचिका
आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में जमानत पाने के लिए नीति आयोग की पूर्व सीईओ सिंधुश्री खुल्लर, पूर्व ओएसडी प्रदीप कुमार बग्गा और एफआईपीबी के पूर्व निदेशक प्रबोध सक्सेना ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की थी।
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पी चिदंबरम एक निर्दोष व्यक्ति हैं जिन्हें जेल में बंद किया गया है। जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह मामला केवल आईएनएक्स मीडिया तक की सीमित नहीं है, अन्य कंपनियां भी हैं जिन्होंने एफआईपीबी (विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड) की मंजूरी के लिए आवेदन किया है।