नई दिल्ली। महिलाओं पर होने वाले यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ खड़े आंदोलन ‘मीटू’ को लेकर शाहरुख़ ख़ान ने अपनी बात रखी है। महिलाओं के इस गंभीर मूवमेंट को लेकर शाहरुख़ ख़ान ने कहा कि भले यह पश्चिम में शुरु हुआ हो, लेकिन इसका प्रभाव भारत समेत पूरी दुनिया पर पड़ा। इस मूवमेंट ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ़ महिलाओं को आवाज दी, इस वजह से वे अपने उत्पीड़न और दुर्व्यवहार की कहानी शेयर कर सकीं।
बॉलीवुड के किंग ख़ान ने कहा कि इस आंदोलन ने वर्क प्लेस में महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार पर प्रकाश डाला है। उन्होंने कहा, ‘यह पश्चिम में शुरू हुआ… इसने महिलाओं को आवाज़ दी कि वे कुछ साल पहले हुए चीजों के बारे में बता सकें। इससे उन्हें बाहर आकर अपनी कहानी शेयर करने के लिए पर्याप्त साहस मिला।’
बीबीसी के एक कार्यक्रम बात करते हुए शाहरुख़ ने इन बातों का जिक्र किया। उन्होंने कहा,’इस मूवमेंट की महानता भविष्य में है। अब स्वीकार करना होगा कि लोग महिलाओं के साथ हर फ़ील्ड में दुर्व्यवहार करते हैं। अब इसकी चर्चा हर जगह है।’ शाहरुख़ ने उम्मीद जताई कि यहां से बदलाव होगा। उन्होंने कहा, ‘सिनेमेटिक वर्ल्ड और मीडिया ने इसके बारे में लोगों को जागरूक किया है। मुझे लगता है कि मुख्य विषय यह है कि लोग जान गए हैं कि यह अगर कोई दुर्व्यवहार करता है, तो यह मुद्दा अछूत नहीं है।’
शाहरुख़ से जब भारतीय सिनेमा को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, ‘हम इसे गहराई और गंभीरता के साथ नहीं करते हैं जिसके साथ इसे करना चाहिए। जब भी मैं किसी फ़िल्म का हीरो होता हूं, तो दूसरी ओर महिलाओं को एम्पॉवर करता हूं। लेकिन इसमें कई बार गहराई की कमी होती है।’
बता दें कि मीटू की शुरुआत अक्टूबर 2017 में हॉलीवुड में हुई थी। इसके बाद साल 2018 में यह भारत में भी आया। भारत में कई एक्ट्रेस ने अपने ख़िलाफ़ हुई हिंसा के बारे खुलकर बात की। इसमें मूवमेंट में कई बड़े फ़िल्ममेकर्स, डायरेक्ट और एक्टर्स के नाम समाने आए