हिन्दू कैलेंडर के मार्गशीर्ष मास का अंतिम सप्ताह चल रहा है, जो 12 दिसंबर को पूर्णिमा के दिन खत्म हो जाएगा। 13 दिसंबर से नए मास पौष के कृष्ण पक्ष का आरंभ होगा। वहीं अंग्रेजी कैलेंडर के अंतिम माह दिसंबर के दूसरे सप्ताह का आज से प्रारंभ हुआ है। इस सप्ताह में अन्नपूर्णा जयंती, त्रिपुर भैरवी जयंती, दत्तात्रेय जयंती, संकष्टी गणेश चतुर्थी, गुरु ग्रंथ साहब का वार्षिकोत्सव, सोमवती पंचमी पर्व जैसे महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार आने वाले हैं।
तमिल हिन्दुओं का यह पारंपरिक त्योहार है। इस दिन शाम के समय घर में, बाहर और गलियों दीपक जलाए जाते हैं और रंगोली बनाई जाती है।
भगवान दत्तात्रेय श्रीहरि विष्णु के अवतार हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने दत्तात्रेय स्वरूप में अवतार लिया था। महर्षि अत्रि के संतान प्राप्ति के लिए व्रत करने पर भगवान विष्णु स्वयं पुत्र स्वरूप में उनके यहां दत्तात्रेय के रूप में अवतरित हुए।
अन्नपूर्णा जयंती: मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा के दिन मां अन्नपूर्णा की जयंती मनाई जाती है। इस दिन मां अन्नपूर्णा की आराधना की जाती है।
त्रिपुर भैरवी जयंती: मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को त्रिपुर भैरवी जयंती मनाई जाती है। इस दिन मां त्रिपुर भैरवी की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। इससे भक्तों के अंदर व्याप्त अहंकार का नाश होता है। मां त्रिपुर भैरवी को महाकाली का स्वरूप माना जात है। इनकी उपसना से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
पौष मास का प्रारंभ 13 दिसंबर से हो रहा है, जो 10 जनवरी, 2020 तक रहेगा। पौष मास हिन्दू पंचांग का 10वां महीना होता है। हेमंत ऋतु के कारण काफी ठंड रहती है।
15 दिसंबर: रविवार- संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत।
पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत है। इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है।