अनंग त्रयोदशी का व्रत मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के अलावा चैत्र मास में आता है। इस त्रयोदशी पर बेहद सुंदर योग बना है। इस तिथि को सोम प्रदोष व्रत और अनंग त्रयोदशी व्रत दोनों साथ ही हैं। अनंग त्रयोदशी का व्रत प्रेमी जोड़ों के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। आज के दिन व्रत रहते हुए भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही कामदेव तथा रति की भी पूजा विधि विधान से करनी चाहिए। ऐसा करने से प्रेम संबंधों में सफलता प्राप्त होती है। संतानहीन दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है।
अनंग त्रयोदशी व्रत का मुहूर्त
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ आज सुबह 09:54 बजे हो चुका है, जो 10 दिसंबर को सुबह 10:44 बजे तक है। इस दिन सोम प्रदोष व्रत भी है, ऐसे में प्रदोष पूजा का मुहूर्त शाम को 05:25 बजे रात 08:08 बजे तक है। इस मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा अर्चना विशेष फलदायी होगी।
अनंग त्रयोदशी व्रत एवं पूजा विधि
आज पूरे दिन व्रत रहते हैं और शाम को एक समय भोजन ग्रहण करते हैं। संतान सुख के लिए इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें। भगवान शिव शंकर को सफ़ेद फूल, सफ़ेद मिठाई, बेल पत्र, केला, भांग, धतूरे, अमरूद आदि का भोग लगाएं। ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें और 13 सिक्के समर्पित करें।
यदि आप विवाह करना चाहते हैं तो शिवलिंग पर सिंदूर और सफेद फूल चढ़ाएं। 13 बेलपत्रों के साथ जल में गुड़ घोलकर अभिषेक करें। प्रेम संबंधों में सफलता के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के साथ कामदेव और रति की भी पूजा अर्चाना करें। ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी। दिनभर फलाहार करते हुए व्रत रहें। शाम को ब्राह्मण को भोजन कराएं और दक्षिणा दें। फिर आप भी भोजन ग्रहण करें।