नववर्ष 2020 का आगमन होने वाला है। नववर्ष का इंतजार सबको रहता है। नववर्ष के साथ नई उम्मीदें और नई चुनौतियां जुड़ी होती हैं, जीवन में नई उपलब्धियां और पड़ाव मिलते हैं, जो हमारे लिए सफलता के मार्ग तय करते हैं। वर्ष 2019 हमारे लिए कैसा रहा, ये तो हमने आकलन कर लिया होगा। अब नववर्ष के आगमन पर हम अंक ज्योतिष के आधार पर आपको बताने जा रहे हैं कि नया साल आपके लिए कौन सी खुशियां लेकर आ रहा है और कौन सी चुनौतियां आपका इंतजार कर रही हैं, जिन पर पार पाकर आप सफल होंगे। आपको ज्योतिषीय उपाय भी बताए जा रहे हैं, जिसकी मदद से आप अपने इस वर्ष को और बेहतर बना सकते हैं।
वर्ष 2020: अंक 4 का भविष्यफल
ये चार माह चुनौतियों से भरे तो होंगे, लेकिन ये आपके लिए नवीन कार्यों और सफलताओं वाले भी होंगे। 28 जून से 27 सितम्बर के मध्य नवीन कार्यों को प्रारम्भ करने का शुभ समय होगा। इसी अवधि में वाहन से लेकर आवास एवं अन्य भौतिक वस्तुएं प्राप्त होंगी।
भौतिक सुख की दृष्टि से लाभ तो होगा, किन्तु श्रम अधिक करना करना होगा। चार अंक वालों के लिए 22 मार्च से 19 अप्रैल के बीच कोई अप्रिय घटना घट सकती है। अतः इस बीच पारिवारिक एवं सामाजिक तालमेल बनाकर चलना होगा।
ऐसे दिनों में करें कार्यों का प्रारंभ, मिलेगी सफलता
ध्यान देने की बात यह है कि चार अंक वालों को मेल खाने वाले दिनों में ही अपने विचारों एवं कार्यों को क्रियान्वित करना चाहिए। इनसे मेल खाने वाले अंक हैं- 4, 13 और 22 तारीखें। चार अंक से तालमेल रखने वाली अन्य तारीखें-8,12,16 और 24 हैं। इन तारीख़ों में कार्यों के सफल होने की पूर्ण उम्मीद रहेगी। इन तारीखों पर आपके प्रभावशाली दिन हों, तो और भी अच्छा रहेगा।
तुला राशि में सूर्य के प्रवेश करने पर चार अंक वाले व्यक्ति स्व-कार्यों में सफल होंगे। इस अंक वाले चूंकि आमतौर पर ईमानदार एवं निष्ठावान होते हैं। अतः आगामी वर्ष 2020 अनेक उथल-पुथल के बावजूद सामान्य ही रहेगा।
ज्योतिषीय उपाय: दुष्कर कार्य के भी सफल परिणाम मिलेंगे
चार अंक वाले जातक अति संवेदनशील एवं अनावश्यक रूप से तनाव के शिकार शीघ्र हो जाते हैं। अतः इस प्रकार के नकारात्मक विचारों से मुक्ति के लिए “ॐ चंद्रमसे ह्रीं नम:” मन्त्र का 108 बार जाप करके गाय के दूध में जल मिलाकर उसमें सफ़ेद फूल, चन्दन, तुलसी एवं चन्दन का दो बूंद इत्र डालकर “ॐ सोम सोमाय मम शुभम कुरु कुरु स्वाहा” मन्त्र को पढ़ते हुए चंद्रमा को शाम के समय अर्घ्य दें, दुष्कर से दुष्कर कार्य फलित होगा।