नई दिल्ली। कई दिनों की बर्फबारी के बाद निकली धूप भी पहाड़ों को कोई राहत नहीं दे सकी, बल्कि वहां से चली बर्फीली हवाओं ने मैदान को ठिठुरा दिया है। लोग शीत लहर का अहसास करने लगे हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट होगी, जिससे ठिठुरन बढ़ेगी।
जम्मू-कश्मीर, लेह और उत्तराखंड में कई दिनों की बर्फबारी के कारण बंद पड़े कुछ मार्गो को खोला गया है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में मुसीबत कम नहीं हो रही। हिमपात के कारण करीब 260 सड़कें बंद हैं। जम्मू कश्मीर और लद्दाख में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। हालांकि सोमवार को धूप भी निकली, लेकिन बर्फीली हवाओं के आगे नहीं ठहरी। लद्दाख के द्रास में न्यूनतम तापमान माइनस 27.2 डिग्री जा पहुंचा। तीन दिन बाद सोमवार को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए बहाल किया गया।
श्रीनगर-लेह राजमार्ग और पुंछ से कश्मीर को जोड़ने वाले मुगल रोड अभी भी बंद है। माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटड़ा से चलने वाली हेलीकॉप्टर सेवा के साथ बैटरी कार सेवा और पैसेंजर केबल कारसेवा सुचारु रही। उत्तराखंड में मौसम साफ होने के कारण सड़कों को खोलने के काम में तेजी आई है। सोमवार को 17 और सड़कों पर यातायात बहाल कर दिया गया, लेकिन अब भी बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और पिथौरागढ़ में थल-मुनस्यारी समेत 18 संपर्क मार्गो पर आवाजाही ठप है। प्रदेश के पांच शहरों में न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस से कम रहा।
हिसार स्थित चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यलय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार 20 और 21 दिसंबर को बारिश की संभावना है। छत्तीसगढ़ में बारिश और बदली के कारण चौबीस घंटे में ही अधिकतम तापमान आठ डिग्री नीचे गिर गया है।
रेल व हवाई यातायात पर असर
कोहरे की वजह से रेल व हवाई यातायात पर असर पड़ने लगा है। सोमवार को चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कुल्लू को जाने वाली फ्लाइट खराब मौसम के कारण रद कर दी गई हैं। दोपहर में अचानक धुंध बढ़ने के कारण मुंबई से चंडीगढ़ आने वाली फ्लाइट को दोपहर 11:30 बजे दिल्ली में लैंडिंग कराई गई। दिल्ली में राजधानी सहित कई ट्रेनें देरी से पहुंची। कई ट्रेनों के प्रस्थान समय में भी बदलाव करना पड़ा। मध्य फरवरी तक 23 जोड़ी ट्रेनें पहले ही निरस्त कर दी गई हैं।