देवरिया: जनपद के चर्चित मां विध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण संस्थान द्वारा संचालित बाल गृह बालिका कांड की मुख्य आरोपित गिरिजा त्रिपाठी के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया। सोमवार को गिरिजा की रिहाई का परवाना जिला कारागार पहुंच गया। हालांकि कागजी कार्रवाई पूरी न होने के चलते देर रात तक रिहाई नहीं हो सकी थी।
28 नवंबर को उच्च न्यायालय ने गिरिजा त्रिपाठी को तीन मुकदमों में जमानत अर्जी मंजूर की थी। उच्च न्यायालय के निर्देश पर प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नाशेहा वसीम व अपर जिला जज रजनीश कुमार ने चार मुकदमों में जमानतनामा स्वीकार करते हुए रिहाई आदेश सोमवार को जेल भेज दिया। कागजी कार्रवाई में त्रुटि होने के चलते गिरिजा की रिहाई नहीं हो सकी। बता दें कि पांच अगस्त 2018 को बाल गृह बालिका कांड का एसपी ने पर्दाफाश किया था और छह अगस्त को गिरिजा त्रिपाठी को जेल भेज दिया गया था। मामले की जांच इस समय सीबीआइ कर रही है। हालांकि इस कांड में गिरफ्तार गिरिजा के पति मोहन तिवारी की जमानत अर्जी अभी तक मंजूर नहीं हो सकी है।