मुंबई। के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुए उपद्रव की तुलना जलियांवाला बाग हत्याकांड से करते हुए कहा कि जामिया में जो हुआ वो जलियांवाला बाग जैसा है, छात्र एक युवा बम की तरह है। हम केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि वे छात्रों के साथ ऐसा न करें। गौरतलब है कि दिल्ली में सीएए के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में कई दिनों से विरोध प्रदर्शन हो रहा था लेकिन रविवार को छात्रों के प्रदर्शन में स्थानीय लोगों के शामिल होने की वजह से स्थिति अनियंत्रित हो गयी, जिसने उग्र रूप धारण कर लिया।
विरोध कर रहे लोगों ने इसे उपद्रव की शक्ल दे दी जिससे दिल्ली, नोएडा रोड और मथुरा रोड ठप हो गया। शाम लगभग पांच बजे सूर्या होटल के सामने चार बसों और बटला हाउस मेन चौक की पुलिस चौकी में आग लगा दी थी।न्यू फ्रेंडस कॉलोनी में भी उपद्रवियों ने पुलिस केदो वाहन जला दिये थे। इस हिंसा में छह पुलिसकर्मी और दो दमकलकर्मी घायल हो गये थे। इस उपद्रव में कई राहगीर भी बुरी तरह से घायल हो गये थे। उत्पाद बढ़ते देख पुलिस ने लाठी भांजनी शुरु कर दी।
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन प्रदर्शनों को दुखद व निराशाजनक बताया और प्रदर्शनकारियों से शांति बनाये रखने की अपील भी की। जामिया में हुए इस प्रदर्शन का असर उत्तर प्रदेश से केरल और महाराष्ट्र से पश्चिम बंगाल तक देखा गया।
इस उपद्रव में जामिया के छात्रों पर पुलिसियां कार्रवाई के बाद कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष एकजुट हो गया और कांग्रेस के अतिरिक्त चार अन्य राजनीतिक दलों ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जामिया में हुए उपद्रव की घटनाओं की उच्चतम न्यायाल के न्यायाधीश से जांच करवाने की मांग की।