लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में मंगलवार को सपा के छात्र संगठन ने नागरिक संशोधन कानून (CAA) और विवि में लंबे समय से चल रहे भ्रष्टाचार और छात्र हितों के मुद्दों पर हल्ला बोल दिया। बड़ी संख्या में कैंपस पहुंचे छात्रों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और सीएए वापस लिए जाने की मांग की। हालांकि मामले को लेकर पहले से तैनात पुलिस ने छात्रों को वाहनों में बैठा लिया और लेकर चले गए।
सीएए के विरोध में शहर के विभिन्न शैक्षिक संस्थाओं में तीन दिन से प्रदर्शन और हंगामा हो रहा है। इससे लविवि कैंपस की सुरक्षा व्यवस्था के लिए मंगलवार सुबह से ही बड़ी संख्या में पुलिस बल लगाया गया। सुबह 9 बजे ही कैंपस को छावनी में तब्दील कर दिया गया। करीब पौने 12 बजे वहां पहुंचे सपा के यूथ ब्रिगेड को पुलिस ने गेट के अंदर प्रवेश करने से रोक लिया। जिसके बाद महज चंद मिनट के भीतर कैंपस का माहौल तनावपूर्ण बन गया। छात्रों की पुलिस से नोकझोंक शुरू हो गई। इसके बाद गेट नंबर एक पर ही छात्र संगठन ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस पर पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों को उठाकर वाहनों में बैठाना शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस को उनके विरोध का सामना करना पड़ा।
प्रदर्शन के दौरान सपा की छात्र सभा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूजा शुक्ला को विवि में प्रवेश से रोक पाने में पुलिस के पसीने छूट गए। पूजा को रोकने और उससे वाहन में बिठाने में पुलिस को करीब 15 से 20 मिनट जिद्दोजहद करनी पड़ी।
लविवि पुलिस चौकी इंचार्ज अभय सिंह के मुताबिक छात्र सभा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूजा शुक्ला, कालिंदी सिंह, मनभावती यादव, मधुर सिंह, सागर पाठक, अतुल प्रजापति, विनित कुशवाहा, अनिल यादव मास्टर, अरविंद यादव, अमित यादव, मनोज सिंह काका, विवेक यादव, महेंद्र यादव, आदर्श सिंह आजाद, गौरव पाण्डेय, अश्विनी वर्मा, शिवम यादव, हिमांशु यादव, सचिन यादव, आयुष सिंह, अजय शंकर यादव, विनय यादव, विक्रांत सिंह और नक्की हैदर को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन ले जाया गया। जहां दो घंटे बाद उन्हें छोड़ दिया गया।