रांची झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुकाबले प्रचार अभियान में पिछड़ी कांग्रेस ने अपना अंतिम दांव प्रियंका गांधी पर लगाया है। दरअसल राहुल गांधी की अपेक्षा प्रियंका गांधी की ज्यादा मांग यहां आरंभ से थी, लेकिन कांग्रेसियों की दिल्ली दरबार में लगाई गई गुहार काम नहीं आई। राहुल गांधी भी दूसरे चरण में सक्रिय हुए, लेकिन ज्यादा प्रभाव जमाने में उन्हें कामयाबी नहीं मिली। उनकी अपेक्षा भाजपा की सभाओं में ज्यादा भीड़ उमड़ी।
राहुल गांधी ने अलग-अलग स्थानों पर पांच सभाएं की है। संताल में उनकी पिछली सभा विवादों में फंस गई। उन्होंने मेक इन इंडिया को रेप इन इंडिया बताकर फजीहत मोल ले ली। उनके इस बयान का न सिर्फ चौतरफा विरोध हुआ, बल्कि कांग्रेस समेत विपक्षी महागठबंधन को आभास हुआ कि इसका नुकसान हो सकता है।
उधर भाजपा ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की तो उपायुक्तों से रिपोर्ट तलब की गई है। इस बीच फजीहत से बचने के लिए राहुल गांधी की पांचवे चरण में सभाएं नहीं की गई, अलबत्ता प्रियंका गांधी को उनकी जगह उतारने का आग्रह आलाकमान से किया गया। हालांकि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की दो सभाएं कराना चाहते थे, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा के स्टार प्रचारकों का मुकाबला किया जा सके, लेकिन अनुमति एक ही सभा की मिली।
प्रियंका गांधी पाकुड़ से कांग्रेस प्रत्याशी आलमगीर आलम के पक्ष में सभा को संबोधित करेंगी। उनकी सभा बरहरवा प्रखंड के श्रीकुंड होगी। मंच पर उनके साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन भी रहेंगे। संताल परगना में हावी होने की कोशिश में जुटा विपक्षी गठबंधन इसी बहाने भाजपा की काट में जुटा है। अंतिम चरण में यहां की 16 सीटों पर 20 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे।