नई दिल्ली। दो दिन बाद बुधवार को वाशिंगटन में भारत और अमेरिका के बीच दूसरी ‘टू प्लस टू’ वार्ता की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार देर रात को नई दिल्ली से भारत व अमेरिका के कूटनीतिक व रणनीतिक रिश्तों की दिशा तय करने वाली इस अहम बैठक में देश का नेतृत्व करने के लिए रवाना हो गए।
पिछले वर्ष किये गये एतिहासिक रक्षा सहयोग समझौते कॉमकासा को आगे बढ़ाने पर होगा विचार
दोनों तरफ से अभी तक इस बैठक को लेकर जो संदेश दिया गया है उससे आगामी बैठक में पिछले वर्ष किये गये एतिहासिक रक्षा सहयोग समझौते कॉमकासा को किस तरह से आगे बढ़ाया जाए, इसको सबसे ज्यादा वरीयता दी जाएगी। इसके तहत साझा तौर पर विकसित होने वाले या निर्माण किये जाने वाले रक्षा उपकरणों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसेड्योर (एसओपी) को अंतिम मंजूरी मिलने के आसार हैं।
जानकारों के मुताबिक इस बार भी टू प्लस टू वार्ता तीन स्तरीय होगी। यानी पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने अमेरिकी सहयोगी मार्क टी एस्पर से बैठक करेंगे। जबकि विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिका के फॉरेन सेक्रेट्री माइकल आर पोम्पिओ से मुलाकात करेंगे। इसके बाद एक संयुक्त बैठक होगी जिसमें दोनों तरफ के विदेश व रक्षा मंत्री अगुवाई करेंगे।
बैठक में होंगे दोनों पक्षों के एक-एक दर्जन अधिकारी
बैठक में दोनों पक्षों के तकरीबन एक-एक दर्जन अधिकारी होंगे। इस बैठक को लेकर पिछले दिनों अमेरिका के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में एक पंक्ति बैठक के महत्व को साफ तौर पर अंकित करती है, यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे साझा नेतृत्व के बारे में भी होगी।
रणनीतिक व रक्षा सहयोग को प्रगाढ़ बनाने पर होगा विचार
यह पहला मौका है जब अमेरिकी पक्ष ने बिना किसी लाग लपेट के कहा है कि भारत के साथ वह हिंद प्रशांत क्षेत्र का नेतृत्व कर रहा है। विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रवीश कुमार के मुताबिक आगामी बैठक रणनीतिक व रक्षा सहयोग को प्रगाढ़ बनाने और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर एक दूसरे के विचार को समझने के लिए होगा।
भारत और अमेरिका के बीच सितंबर, 2018 में कॉमकासा यानी कम्यूनिकेशंस एंड इंर्फोमेशन आन सिक्यूरिटी मेमोरेंडम आफ एग्रीमेंट हुआ था। यह किसी भी दूसरे देश के साथ अमेरिका की तरफ से किया गया सबसे अहम समझौता है। इस तरह का समझौता अमेरिका ने अपने विशेष रणनीतिक सहयोगी नाटो समेत बेहद कम देशों के साथ किया है। इससे अमेरिका की अत्याधुनिक रक्षा तकनीकी को भारत को देने का रास्ता साफ हो गया है।
अक्टूबर, 2019 में भारत व अमेरिका के बीच भावी रक्षा सौदों को लेकर अहम बात हुई थी। सूत्रों के मुताबिक बुधवार को होने वाली बैठक में इस संदर्भ में अहम घोषणा हो सकती है। बैठक में भारत और अमेरिका की तीनों सेनाओं के बीच होने वाले आगामी युद्ध अभ्यासों पर भी चर्चा होगी।
आगामी टू प्लस टू वार्ता में कुछ चुभने वाले मुद्दे भी उठने के पूरे संकेत हैं। खास तौर हाल के दिनों में जिस तरह से कुछ अमेरिकी एजेंसियों ने जिस तरह से धारा 370 हटाने या नागरिकता संशोधन कानून के बनाये जाने पर विपरीत टिप्पणी की है वह भारत अपनी तरफ से उठा सकता है। ट्रंप प्रशासन की तरफ से इन मुद्दों पर कोई नकारात्मक टिप्पणी नहीं आई है लेकिन दूसरी सरकारी एजेंसियों की टिप्पणियों को सहज तौर पर नहीं लिया जा सकता।
एजेंडा
ऐतिहासिक रक्षा सौदे कॉमकासा के तहत तय लक्ष्यों की होगी समीक्षा
साथ मिल कर बनाये जाने वाले रक्षा उपकरणों के एसओपी को मिलेगी मंजूरी
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा हितों को आगे बढ़ाने की भावी रणनीति
चीन के बीआरआइ से ज्यादा विश्वसनीय विकल्प पर होगी बात
रूस और ईरान के साथ भारत के रिश्तों पर भी होगी बात
अमेरिकी कांग्रेस में कश्मीर व सीएबी पर उठ रहे सवाल भी उठेगा।