लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। हालांकि पूरे उत्तर प्रदेश में इन प्रदर्शनों को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी गई है तथा किसी भी प्रकार के प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई है। उसके बावजूद बुधवार की शाम थाना ठाकुरगंज क्षेत्र के हुसैनाबाद मे स्थित ऐतिहासिक इमारत छोटे इमामबाड़े पर शिया समुदाय के दर्जनों लोगों ने बुधवार देर शाम हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर अपना विरोध दर्ज कराया।
इमामबाड़ा के बाहर शिया समुदाय के पुरुष व महिलाओं द्वारा सीएए तथा एनआरसी कानून के खिलाफ व दिल्ली के जामिया यूनिवर्सिटी व अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी मे छात्रों पर हुए लाठीचार्ज खिलाफ यह प्रदर्शन किया गया था। यहां दर्जनों प्रदर्शनकारी हाथों में दिल्ली तथा अलीगढ़ में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में लिखी व सीएए तथा एनआरसी के विरोध में लिखें नारों की तख्तियां लिए हुए थे। यह प्रदर्शन जकी अख्तर के नेतृत्व में किया गया था। इस मौके पर ज़की अख्तर ने कहा की दिल्ली व अलीगढ़ में हुए छात्रों पर बर्बर लाठीचार्ज तथा केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए सी.ए.ए. और
एनआरसी कानून के ख़िलाफ़ यह एक शांतिपूर्वक प्रदर्शन था और इस देश में कभी भी धर्म के नाम पर नागरिकता नहीं दी गई है। उन्होंने आगे कहा की 1947 में जब पार्टीशन हुआ था तो धर्म के नाम पर बने हुए पाकिस्तान देश का हम लोगों ने हमारे पूर्वजों ने बहिष्कार किया था और भारत में ही रहना पसंद किया था आज 70 वर्षों के बाद हमसे हमारी नागरिकता की पहचान मांगी जा रही है तो हम क्यों दें हम इस देश में पैदा हुए हैं और इसी देश में मरेंगे हमें धर्म के नाम पर देश ने बांटने की कोशिश मत कीजिए। और दिल्ली के जामिया व अलीगढ़ में छात्रों के साथ जो हुआ है हम उसका पुरजोर विरोध करते हैं।