नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान सीलमपुर के जाफराबाद इलाके में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें कहा गया है सोशल मीडिया से अफवाह फैलाकर हिंसा फैलाई गई है। आगे भी इस तरह की घटना की आशंका बनी हुई है। इन पर अंकुश लगाने के लिए साइबर सेल की टीमें फेसबुक व वाट्स एप ग्रुपों पर नजर रख रही हैं।
मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को जाफराबाद में हिंसक प्रदर्शन के बाद विशेष आयुक्त अपराध शाखा सतीश गोलचा ने बुधवार को गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें कहा है कि सोशल मीडिया पर रोजाना भ्रामक व फर्जी वीडियो पोस्ट कर अफवाह फैलाई जा रही है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल व साइबर सेल की टीमें 24 घंटे सोशल मीडिया को मॉनीटर कर रही हैं। ताकि, अफवाह फैलाने वालों पर शिकंजा कसा जा सके। ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस आइटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई करेगी।
गोलचा ने बताया कि वाट्स एप ग्रुपों की पहचान कर आरोपितों पर शिकंजा कसा जा रहा है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जामिया नगर हिंसा के बाद स्पेशल ब्रांच ने जिला पुलिस को सूचना दे दी थी कि उत्तर-पूर्वी जिले के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में भी हिंसा हो सकती है। लिहाजा अतिरिक्त पुलिस बल के अलावा ड्रोन आदि की व्यवस्था पहले से की गई थी। तभी पथराव शुरू होते ही पुलिस ने कई ड्रोन को उड़ा कर उपद्रवियों के बारे में पता लगाया। शांति बहाल होने के लिए अमन कमेटियों के साथ थाना पुलिस लगातार बैठकें कर रही है।
गृह मंत्रालय ने पुलिस से कहा है कि अफवाह फैलाने में अगर कोई नेता भी है तो पुलिस उनके खिलाफ भी कानून संगत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करे। देश में अशांति फैलाने वाले किसी भी दल के नेताओं को बख्शा नहीं जाएगा। दरअसल, रिपोर्ट में बताया गया कि कुछ राजनीतिक पार्टियों के नेता अफवाह व हिंसा फैलाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। यह लोग युवाओं को गुमराह कर दिल्ली में अशांति फैलाने में जुटे हैं। दिल्ली पुलिस ने खुफिया विभाग की स्पेशल ब्रांच को ऐसे नेताओं पर निगरानी रखने को कहा है।
अफवाहों को रोकने के लिए पुलिस नई रणनीति के तहत काम कर रही है है। सोशल मीडिया पर जितनी भी फेक वीडियो चलती पाई जा रही हैं। उसे ठीक करके इलाके के प्रबुद्ध वर्ग व युवाओं के माध्यम से समाज को जागरूक करने का काम किया जा रहा है।
थानाध्यक्ष ही अब लगा सकेंगे धारा 144
स्पेशल ब्रांच ने सभी 15 जिले की डीसीपी से कहा है कि जो भी संवेदनशील इलाके हैं। वहां अधिक से आधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाए। गश्त बढ़ाकर पैनी नजर रखी जाए। अमन कमेटियों से बात करने के साथ ही घोषित अपराधियों पर नजर रखी जाए। अगर किसी थानाध्यक्ष को लगता है कि उनके इलाके में कोई उपद्रव हो सकता है, तो वे डीसीपी को सूचित कर खुद भी धारा 144 लगा सकते हैं।