धनबाद। प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी जी को चुनौती देती हूं कि सीएनटी-एसपीटी पर बोलिए, दुष्कर्म पर बोलिए, गायब रोजगार पर बोलिए। बीते दिन झारखंड की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कांग्रेस को दी गई चुनौती का जवाब देते हुए प्रियंका ने कहा कि आप देश के प्रधानमंत्री हैं या बंटवारे के प्रधानमंत्री हैं, इस पर बोलिए। झारखंड के पाकुड़ में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने कहा कि जिस तरह आप मैदान से कुर्सियां हटा रहे हैं, आप इनकी सरकार को कुर्सी से हटाइए। ऐसी सरकार बनाइए जो आपके हित में काम करे। सोच समझकर अपना वोट दीजिए। हम आपके लिए काम करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बीते दिन नागरिकता कानून, अनुच्छेद 370 और तीन तलाक पर कांग्रेस को दी गई चुनौती पर मुखर होती हुईं प्रियंका ने कहा कि देश की समस्याओं पर मोदी सरकार ने चुप्पी साध रखी है। इनका काम बस लोगों को आपस में लड़ाना रह गया है। नागरिकता कानून और एनआरसी के नाम पर भाजपा लोगों को बांट रही है।
झारखंड विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पाकुड़ में जनसभा कीं। उन्होंने बरहरवा में कांग्रेस प्रत्याशी आलमगीर आलम के समर्थन में वोट मांगा। इस दौरान कुछ समय के लिए चुनावी जनसभा में मौजूद लोगों में अफरातफरी की स्थिति बन गई। यहां लोगों ने एक दूसरे के ऊपर कुर्सियां फेंकी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भाषण के बीच झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और विपक्षी महागठबंधन के नेता हेमंत सोरेन ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए मंच से सबसे शांति की अपील की। कुर्सियां नहीं फेंकने की गुहार लगाई।
प्रियंका गांधी ने जनसभा में लोगों से जुड़ते हुए कहा कि यह जल-जंगल-जमीन आपकी है। आप सिद्धो- कान्हो की धरती से हैं। ये चुनाव झारखंड के अस्तित्व बचाने का चुनाव है। भाजपा की सरकार आपकी आत्मा पर हमला कर रही है। भाजपा की विचारधारा अंधी है। आदिवासी संस्कृति पर वार कर ये आपको बरबाद कर रहे हैं। भाजपा ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट का दुरुपयोग किया।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा कि श्रीमति गांधी ने जीवन भर जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए काम किया। जबकि भाजपा सरकार जमीन और जंगल हटाने का प्रयास कर रही है। जबकि झारखंड की जमीन व जंगल यहां के आदिवासी व मूलनिवासी की पहचान है। झारखंड को अलग पहचान दिलाने के लिए यहां के लोगों ने लंबी लड़ाई लड़ी। उन्होंने सिद्धू व कान्हू को नमन करते हुए कहा कि देश की आजादी में उनकी महत्ती भूमिका रही। ये चुनाव यहां की मां और मिट्टी के लिए है। यहां के लोग शांत हैं, लेकिन मां और मिट्टी के सवाल पर लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे।