प्रयागराज। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य के साथ केंद्र सरकार ने जवाब मांगा है। लाठीचार्ज के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से एक हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 2 जनवरी को होगी।
प्रयागराज निवासी पूर्व छात्र और प्रदर्शन में शामिल रहे मुहम्मद अमन ने दाखिल की है। अमन खान की जनहित याचिका पर आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने इलाहाबाद दिया है। उधर राज्य सरकार की तरफ से याचिका की ग्राह्यता पर सवाल उठाए गए। कहा गया कि हास्टल खाली कराया गया है तो कोई पीडि़त छात्र कोर्ट क्यों नहीं आया। यह आरोप की कुछ छात्र लापता है, ऐसे छात्रों के परिवार के लोग कोर्ट में क्यों नहीं आ रहे। बताया गया है कि इस याचिका में मनगढ़ंतनिराधार आरोप लगाये गये है, किंतु कोर्ट ने कहा कि पुलिस लाठीचार्ज पर सरकार अपना पक्ष रखे। हाईकोर्ट ने पुलिस अफसरों और वाइस चासंलर से भी जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने यूपी के आईजी ला एंड ऑर्डर, एसएसपी अलीगढ़ और एएमयू के वीसी से भी जवाब तलब किया है
याचिका में विश्वविद्यालय परिसर से पुलिस फोर्स तत्काल वापस लेने एवं हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से घटना की प्रारंभिक जांच कराने तथा इसकी मानीटरिंग हाईकोर्ट से कराने की मांग की गई है। याची का कहना है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। यह सभी छात्र मौलाना आजाद लाइब्रेरी के पास गेट के अंदर मौजूद थे और बाहर पुलिस ने बैरिकेटिंग कर रखी थी। वहां पुलिस लगातार छात्रों को उकसा रही थी।
पुलिस पर याचिका में आरोप लगाया गया है कि उसने छात्रों को भद्दी गालियां दी और छात्रों को बुरी तरह से पीटा। जिसमें 100 छात्र घायल हुए हैं। 60 छात्रों को फर्स्ट एड दिया गया है, 3 छात्रों की हालत बेहद खराब है। कई छात्रों को ट्रामा सेंटर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। जहां उनका इलाज चल रहा है। इसके साथ ही कालेज बंद कर छात्रों से जबरन हास्टल खाली करा लिया गया है। तमाम छात्र कश्मीर, लद्दाख, सुदूर पूर्वी राज्यों से आए हुए हैं। हॉस्टल खाली करने के लिए उन पर दबाव डाला जा रहा है। कई छात्र लापता है, जिन्हें पुलिस पर बंधक बनाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में पुलिस पर उत्पीडऩ का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग की गई है। याचिका की सुनवाई दो जनवरी को होगी।