लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले भाजपा से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल होने वाली पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले का कांग्रेस से भी मोहभंग हो गया है। लोकसभा चुनाव 2019 में प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ प्रदेश भर में प्रचार अभियान में लगी सावित्री बाई फुले ने गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
इस्तीफा देने के बाद सावित्री बाई फुले ने कहा कि खुद की पार्टी बनाकर उत्तर प्रदेश की राजनीति को नई दिशा देंगी। सावित्री बाई फुले ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी आवाज पार्टी में नहीं सुनी जा रही है। इसी वजह से मैंने इस्तीफा दिया है। उत्तर प्रदेश के बहराइच से भारतीय जनता पार्टी की सांसद रहीं फुले अब अपनी पार्टी बनाने की तैयारी में हैं।
सावित्री बाई फुले 2014 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर बहराइच से चुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं। इसके बाद पार्टी से किसी मुद्दे पर विवाद होने के चलते उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को छोडऩे वाली सावित्री बाई फुले ने दो मार्च 2019 को कांग्रेस की सदस्यता ली थी।
भाजपा से करीब चार वर्ष तक सांसद रहीं सावित्री बाई फुले ने भाजपा पर चार वर्ष में बहुजन समाज के साथ न्याय न करने का आरोप लगाया था। सावित्री बाई फुले ने कहा था भाजपा सरकार में आरक्षण खत्म करने की कोशिश की जा रही है। संविधान को खत्म करने की योजना बनाई जा रही है। वह देश में भारत का संविधान पूरी तरह से लागू कराने की पक्षधर हैं। सावित्री बाई फुले ने छह दिसंबर 2018 में भाजपा को त्याग दिया था।