कानपुर। नगर निगम बकाया गृहकर वसूलने के लिए एक बार फिर एकमुश्त समाधान (ओटीएस) योजना ला रहा है। 28 दिसंबर को नगर निगम सदन में अफसर ओटीएस योजना का प्रस्ताव रख रहे हैं। ओटीएस योजना में ब्याज के अलावा निर्धारित समय पर बकाया जमा करने पर और छूट भी मिलेगी। वर्तमान में ब्याज सहित 173.05 करोड़ रुपये बकाया है। इसमें ब्याज 60.31 करोड़ रुपये है। हालांकि जलकल विभाग के लिए ओटीएस योजना नहीं लाई जा रही है क्योंकि पिछली बार शासन ने जलकल में छूट देने से मना कर दिया था। अन्य व्यावसायिक संपत्तियों में बकाया गृहकर की छूट नहीं दी जा रही है।
आवासीय भवनों के गृहकर निर्धारण के विवाद और उनके गृहकर के अवशेष व ब्याज में लगातार वृद्धि के कारण कई भवन स्वामी गृहकर जमा न करके विवाद करते हैं। इन मुख्य विषमताओं को समाप्त करने और बकाया धनराशि वसूलने के लिए नगर निगम एक मुश्त समाधान योजना ला रहा है।
धन होने पर होगा विकास
वित्तीय वर्ष 2017-18 में 124.88 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2018-19 में 154.56 करोड़ रुपये वसूली हुई थी। चालू वित्तीय वर्ष में 220.48 करोड़ रुपये वसूली लक्ष्य रखा है। ताकि धन मिलने पर शहर में विकास कराया जा सके।
ये है ओटीएस योजना
भवन – आवासीय
संपत्ति – 3,65,534
कुल बकाया – 60.88 करोड़ रुपये
अवशेष – 39.77 करोड़ रुपये
ब्याज – 21.11 करोड़ रुपये
मिलेगी छूट – ब्याज नहीं लिया जाएगा।
-चालू वित्तीय वर्ष में शासन के आदेश के तय तारीख से 31 जनवरी 2020 तक 20 फीसद और एक फरवरी से 31 मार्च 2020 तक अवशेष मांग पर दस फीसद छूट दी जाएगी।
इन पर भी यही छूट लागू होगी
-मॉल और प्लाटों की दो सौ वर्ग फीट की दुकानों को छोड़कर शेष दो सौ वर्ग फीट की दुकान पर भी यह योजना लागू होगी
छात्रावास और शैक्षिक संस्थाओं की धारा 177 के खंड (ग) के अधीन आच्छादित नहीं है उन पर यह योजना लागू होगी।
-औद्योगिक इकाइयों व सार्वजनिक उपक्रम पर भी योजना लागू होगी।
– सरकार और अद्र्धसरकारी कार्यालय पर भी यह योजना लागू होगी।
प्रस्ताव में रखी गई शर्ते
– नगर निगम सदन में पूर्व में स्वीकृति ओटीएस योजना का लाभ लेने वालों की कुल मांग में समायोजित करते हुए अंतर की धनराशि जमा करा लिया जाएगा।
इस योजना में मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों से संबंद्ध छात्रावास ही आ’छदित होंगे।
– निजी छात्रावास पर यह योजना नहीं लागू होगी।
– आइटीआइ, पॉलीटेक्निक, नर्सिंग कॉलेज आदि तकनीकी शैक्षणिक संस्थान कर योग्य है और कर योग्य होने के कारण इस योजना में शामिल है।